एक्स-रे एवं अन्य जाँचों के लिए भी मरीज हो रहे परेशान
रितेश साहू सोहागपुर- कहने को तो सोहागपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बिस्तर का सर्वसुविधा युक्त अस्पताल है और इसे अपग्रेड कर 50 बिस्तरों के अस्पताल हेतु शासन द्वारा योजना भी बनाई जा रही है। परंतु वर्तमान में सरकारी अस्पताल में जो सुविधा मिलनी चाहिए वह मरीज को नहीं मिल पा रही है जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पताल में एक्स-रे करवाने और रक्त जांच के लिए मरीजों को काफी परेशान होना पड़ता है। अस्पताल आने वाली एक महिला मरीज ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह मधुमेह की जांच करवाने के लिए अस्पताल की लैब में पहुंची तो वहां के कर्मचारियों ने यह कहकर मना कर दिया कि आप प्राइवेट लैब में जाकर मधुमेह की जांच कराए। हमें उच्च अधिकारियों ने केवल गर्भवती महिलाओं की मधुमेह की जांच करने को बोला गया है अन्य मरीजों की जांच करने की मना की गई है। इसलिए यहां केवल गर्भवती महिलाओं की ही मधुमेह जांच होती है। वही एक्सरे करवाने वाले मरीजों ने भी बताया कि एक्स रे करवाने के लिए उन्हें परेशान होना पड़ता है कई बार टेक्नीशियन नहीं होने के कारण उन्हें एक्स रे करवाने के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है। जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स रे टेक्निशियन राजू पाल से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही एक्स रे टेक्नीशियन हूं जब मैं छुट्टी पर चला जाता हूं तो मेरे विभाग का कार्य बंद हो जाता है परंतु जब में ड्यूटी पर रहता हूं तो प्रतिदिन एक्स-रे निकालने का कार्य किया जाता है। अस्पताल में एक एक्सरे टेक्नीशियन का पद स्वीकृत है जिस पर मैं नियमित रूप से कार्य कर रहा हूं । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होने पर एक से अधिक टेक्नीशियन को रखा जाना चाहिए जिससे कि एक टेक्नीशियन के छुट्टी पर जाने पर दूसरा टेक्नीशियन एक्सरे ले सके और मरीज को प्राइवेट क्लीनिक पर जाकर एक्स रे ना करवाना पड़े जिससे गरीब व्यक्तियों पर आर्थिक भार न पड़े इस ओर अस्पताल प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए । इसी प्रकार रक्त जांच के लिए और भी टेक्नीशियन की भर्ती की जानी चाहिए जिससे शुगर एवं अन्य आम बीमारियों की जांच के लिए गरीब मरीजों को न भटकना पड़े।
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