अनोखा तीर देवास:-देवास जिले के सोनकच्छ के मनासा गांव में चुनावी रंजिश के चलते 21 महीने पहले हुई युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने अब केस दर्ज किया है। मर्ग जांच कुछ दिनों बाद ठंडे बस्ते में चली गई थी। पिछले दिनों जनसुनवाई में शिकायत के बाद जांच फिर से शुरू हुई।
तीन आरोपितों पर हत्या, साक्ष्य छुपाने और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। हत्या ग्राम पंचायत चुनाव की रंजिश में की गई थी, विवाद मृतक के छोटे भाई से हुआ था। ग्राम मनासा निवासी सुभाष शर्मा ने 4 सितंबर 2022 की रात को अपने बड़े भाई महेश शर्मा की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। उसी रात गांव के हनुमान मंदिर के सामने नाले में महेश का शव मिला था।
टीआई ने जताई थी हत्या की आशंका, लेकिन नहीं दिया ध्यान
मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया गया। मृतक की पत्नी व कुछ अन्य लोगों के बयान हुए, हालांकि आगे कार्यवाही नहीं हो पाई। कई महीने बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं मिलने पर मृतक के छोटे भाई सुभाष ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसपी सहित पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा और मुलाकात की।
इसके बाद जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन देने के बाद एसडीओपी दीपा मांडवे ने जांच के लिए थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा को जिम्मेदारी दी। उधर घटना के बाद सुभाष ने तत्कालीन थाना प्रभारी नीता देअरवाल के समक्ष उसके भाई की हत्या की शंका जताई थी, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। मामले की दोबारा जांच के बाद पुलिस ने आरोपित भारत सिंह चावड़ा, अरविंद राजपूत, जितेंद्र सिंह चावड़ा के खिलाफ धारा 302, 120-बी व 201 में रविवार रात केस दर्ज किया।
संदेहियों के बयान में भिन्नता के साथ ही विरोधाभास भी
जांच के दौरान थाना प्रभारी शर्मा ने मृतक के भाई सुभाष से कागज मंगवाए। पोस्टमार्टम के फोटो व घटनास्थल के फोटो भी पुलिस अभिरक्षा में लिए, साथ ही ग्रामीणों सहित संदेहियों के कथन लिए गए। घटना के समय हत्या के संदिग्ध आरोपितों के बयानों व वर्तमान में लिए गए बयानों में भिन्नता और विरोधाभास नजर आया। इसके साथ तकनीकी, लास्ट सीन आफ क्राइम व परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर जांच की गई।
यह था रंजिश का कारण
ढाई साल पहले पंचायत चुनाव में मेंबर चुनाव के लिए आरोपित भारत सिंह और मृतक के भाई सुभाष शर्मा चुनाव लड़ रहे थे। इनके बीच विवाद की स्थिति भी बनी थी, बाद में चुनाव रद्द हो गए। फरवरी 2022 में फिर से तारीख तय हुई।
सुभाष ने अपने पक्ष के उम्मीदवार किस्मत गिरी गोस्वामी को निर्विरोध जिताने के लिए गांव में पक्ष रखा, आरोपितों ने अपने पक्ष का उम्मीदवार खड़ा कर सुभाष का विरोध किया, हालांकि सुभाष के पक्ष का उम्मीदवार चुनाव जीत गया, इसके बाद रंजिश और गहरा गई। आरोपितों ने परिवार में फूट डालने का प्रयास किया था।
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