इंदौर के अनाथ आश्रम में 3 बच्‍चों की मौत, 9 अन्‍य बीमार, अलग-अलग कारण आ रहे सामने

अनोखा तीर इंदौर:-मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनाथ आश्रम में 3 बच्‍चों की दो दिन में मौत हो गई। यह आश्रम शहर के मल्‍हारगंज क्षेत्र में स्थित है। पता चला है कि यहां युगपुरुष धाम आश्रम में रह रहे 12 बच्चों की सोमवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद इन्‍हें चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस आश्रम में 204 बच्‍चे हैं। फ‍िलहाल दो बच्‍चों की मौत का कारण फ‍िट आना बताया गया है।

चाचा नेहरू अस्‍पताल पहुंचे कलेक्‍टर

रविवार को एक बच्‍चे की मौत के बाद एक बच्‍चे की मौत सोमवार रात में हुई। एक अन्‍य बच्‍चे ने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। बच्‍चों की मौत की सूचना पर इंदौर कलेक्‍टर आशीष सिंह चाचा नेहरू अस्‍पताल पहुंचे।

खून में संक्रमण से बीमार होने की आशंका

जानकारी मिली है कि बच्‍चों के खून में संक्रमण के कारण तबीयत बिगड़ी है। बच्‍चों को एमवाय अस्‍पताल से चाचा नेहरू अस्‍पताल उपचार के लिए रेफर किया गया।

मप्र के अलग-अलग जिलों के हैं बच्‍चे

आश्रम में मप्र के अलग-अलग जिलों से लाए गए बच्‍चों को रखा गया है। मल्‍हारगंज पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को एक बच्‍चे की मौत के बाद 12 वर्षीय करण की सोमवार को अस्‍वस्‍थ होने के बाद मौत हो गई।

पुलिस भी कर रही मामले की जांच

इसके बाद आज सुबह सात वर्षीय आकाश नामक बच्‍चे की भी मौत हो गई। बच्‍चों की मौत के बाद पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। बच्‍चों की मौत के बाद आश्रम प्रबंधन ने बाल कल्‍याण समिति को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है।

यह भी हो सकता है कारण

इंदौर कलेक्‍टर के अनुसार बच्‍चों की मौत डायरिया अथवा डि‍हाइड्रेशन और मिर्गी जैसी बीमारी से होने की आशंका है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही स्‍पष्‍ट कारण पता चल सकेगा। कलेक्‍टर ने दो बच्‍चों की मौत की पुष्‍ट‍ि की है। उनके अनुसार एक बच्‍चे की मौत मिर्गी से होने का पता चला है।

मानसिक दिव्‍यांग बच्‍चों को रखा जाता है आश्रम में

शहर के पंचकुइया इलाके के इस आश्रम में मानसिक दिव्‍यांग बच्‍चों को रखा जाता है। इस आश्रम में वर्तमान में 200 से अधिक बच्‍चे हैं। इनमें 100 से अधिक बालक और इतनी ही बालिकाएं हैं। इस आश्रम की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई थी। स्‍वामी परमानंद गिरी के सानिध्‍य में यह आश्रम संचालित होता है।

मां का नाम प्राचार्य और पिता का नाम आश्रम सचिव के नाम पर

पता चला है कि इस आश्रम में सभी बच्‍चों के पिता का नाम आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा के नाम पर और मां का नाम प्राचार्य अनीता के नाम पर है। सभी के उपनाम स्‍वामीजी के नाम पर परमानंद ही रखे गए हैं।

प्राचार्य ने दी यह जानकारी

आश्रम की प्राचार्य अनीता शर्मा के अनुसार अब तक तीन बच्‍चों की मौत हो चुकी है। बच्‍चों ने सोमवार रात को खाने में दाल-चावल खाए थे। उनके अनुसार एक बच्‍चे को संक्रमण हुआ ज‍बकि 2 की मौत मिर्गी के कारण हुई।

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