1 लाख 74 हजार हेक्टेयर में होगी सोयाबीन की बोनी, मक्के का भी बढ़ेगा रकबा

लोकेश जाट, हरदा। ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल कटने के बाद अब क्षेत्र में खरीफ फसल सोयाबीन और मक्का की बुआई की जाएगी। किसान आगामी फसल के लिए बीज की व्यवस्था करने में जुटे है। कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार इस बार जिले में सोयाबीन के लिए १ लाख ७४ हजार ४७० हेक्टयर व मक्का के लिए १४ हजार ४६० हेक्टयर रकबा प्रस्तावित है। विभाग के अनुसार बीज में सोयाबीन १ लाख ३१ हजार क्विटंल, मक्का ३ हजार क्विटंल उपलब्ध है। बाजार में कई बीज की दुकाने हैं, जहां से किसान बीज खरीदते हैं। किसानों को सही बीज मिले इसके लिए कृषि विभाग को बाजार से अलग-अलग फसल के बीजों के ३५० सैम्पल परिक्षण के लिए लेने का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें से विभाग द्वारा २४८ सैम्पल लेकर परीक्षण के लिए पंवारखेड़ा स्थित लेबोरेट्रिज भेजा गया। परीक्षण के लिए भेजे गए सैम्पल में टिमरनी केशव ट्रेडर्स से लिया गया एसआरपीएम २६ मूंग का सैम्पल अमानक निकला।

जिसके बाद कार्रवाई करते हुए दुकान का लाईसेंस निरस्त कर दिया गया। २४७ बीज के सैम्पल मानक पर खरे उतरे। कृषि विभाग की टीम शेष बचे सैम्पल लेने का कार्य कर रही है। इस सप्ताह में लक्ष्य अनुसार सैम्पल लेकर परिक्षण करा लिया जाएगा। मीट्टी परिक्षण के लिए विभाग को ७६६७ नमूने लेने का लक्ष्य था जिसे शतप्रतिशत पूरा कर लिया गया है। मिट़टी परिक्षण के प्राप्त बजट के अनुरूप किया जाता है। एक नमूने के परिक्षण प्रक्रिया के लिए ३०० रूपए का बजट मिलता है।

मूंग खरीदी को लेकर अभी कोई आदेश नहीं

जिले में 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर रकबे की मूंग फसल को एमएसपी पर बेचने के लिए 34 हजार 885 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है, लेकिन अभी तक खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। जिला स्तर पर मूंग खरीदी की सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। जैसे ही आदेश आएंगे मूंग खरीदी का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। समय पर मूंग खरीदी प्रारंभ न होने के कारण किसानों को अपनी फसल एमएसपी से कम दामों पर बेचना पड़ रहा है। वर्तमान में कृषि उपज मंडी में मूंग के औसत भाव ७२५० रुपए हैं। जिसके कारण किसानों को लगभग १३०० रुपए क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा योजना का लाभ

किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराने के लिए एमपी किसान एप पर पंजीयन कराना पड़ेगा। पंजीकृत किसानों को ही नेशनल मिशन आन ईडीबल आईल और बीज निगम की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। बीज निगम द्वारा पंजीकृत किसानों में से लॉटरी के माध्यम से चूने गए किसानों को खरीफ फसल में योजना का लाभ दिया जाएगा। एमपी किसान एप पर पंजीयन के लिए जिले में २२ कृषि विस्तार अधिकारी कार्य कर रहे है, जो किसानों को एप के बारे में जानकारी देकर उनका पंजीयन कर रहे है। अभी तक १२ हजार किसानों का पंजीयन एमपी किसान पर किया जा चुका है।

पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है उर्वरक

खाद- यूरिया आवश्यकता १४५०० एमटी, उपलब्धता १४६३४ एमटी। डीएपी आवश्यकता ८२०० एमटी, उपलब्धता ६२४२ एमटी है। २००० एमटी डीएपी की डिमांड भेजी गई, जो अगले सप्ताह तक आने की संभावना है।

किसानों के लिए सलाह

कृषि विभाग के सहायक संचालक डॉ.भागवत सिंह ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि किसान अपने खेत की मिट्टी के अनुरूप ही फसल की वैरायटी का चयन करें। बीज उपचार जरूर करें, जिससे कि बीज में फंगस ना लगे और बीज की अकुंरण क्षमता बड़ जाए। यदि आप सोयाबीन की बुआई कर रहे हैं तो मेढ़ नाली पद्धति से बोवनी करे, जिससे कि अतिवृष्टि और अल्पवृष्टि होने से कोई नुकसान ना हो। अंतिम सुझाव यह है कि दानेदार फसलों के लिए किसानों को डीएपी की जगह एनपीके १२-३२-१६ का उपयोग करना चाहिए।

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