जलस्रोतों के संरक्षण हेतु विशेष अभियान

 

अनोखा तीर, हरदा। आगामी 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व तक जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए संपूर्ण प्रदेश में ‘नमामि गंगेÓ अभियान प्रारम्भ किया जाएगा। दस दिन की अवधि में हर जिले में जल के स्रोतों, जैसे नदी, कुएं, तालाब, बावड़ियों आदि को स्वच्छ रखने और आवश्यकता होने पर उनके गहरीकरण के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इस अभियान से जल स्रोतों के प्रति सामाजिक चेतना जागृत करने और जनसामान्य का जल स्रोतों से जीवंत संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी। नमामि गंगे अभियान की जिला स्तरीय समिति की बैठक कलेक्टर आदित्य सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित सिसोनिया के साथ-साथ हरदा, खिरकिया और टिमरनी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन यंत्री तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान के लिए जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर की कार्य योजना बना लें तथा सभी पंचायतों में जल संरक्षण के कार्य चिन्हित कर लें जो कि 5 जून से प्रारम्भ किए जाना है। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के नाम से आरंभ हो रहे जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के विशेष अभियान के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र में नगरीय विकास एवं आवास, नोडल विभाग होंगे। जिला पंचायत के सीईओ श्री सिसोनिया ने बैठक में बताया कि जल संरचनाओं के चयन और उन्नयन कार्य में जीआईएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इन स्थलों की मोबाइल एप के माध्यम से जियो-टैगिंग की जाएगी। सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जल संरचनाओं के आसपास स्वच्छता बनाए रखने, जल संरचनाओं के किनारों पर अतिक्रमण रोकने के लिए फेंसिंग के रूप में वृक्षारोपण करने जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा और जल संरचनाओं के किनारों पर बफर जोन तैयार कर उन्हें हरित क्षेत्र या पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।

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