अनोखा तीर, हरदा। शहर के हनुमान वार्ड क्रमांक 4 में गुरूवार को सीता नवमीं के अवसर पर विहिप के मातृ शक्ति संगठन ने कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वार्ड की महिलाओं ने सहभागिता की। इस मौके पर सर्वप्रथम प्रभु श्रीराम एवं माता जानकी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों समेत सभी महिलाओं ने ऊं का तीन बार उच्चारण किया। वहीं श्रीराम – जय राम, जय-जय राम का धाराप्रवाह वाचन किया गया। इस अवसर पर मातृशक्ति संगठन की जिला संयोजिका रेखा विश्नोई, हंसा पंडित, प्रज्ञा अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। इस दौरान आपसी परिचय का दौर भी हुआ। जिला सह संयोजिका प्रज्ञा अग्रवाल ने माता सीता के जीवन पर संक्षिप्त विवरण में कहा कि सीता मैया ने संघर्ष की पराकाष्ठा की। विपरीत समय के बावजूद अपने धर्म से जरा नहीं डिगी। हर हाल में पति का सहयोग किया, वहीं पति की आदेश को शिरोधार्य रखा। वे एक योद्धा भी थी। उन्होंनें आगे कहा कि रावण ने जब माता सीता का हरण किया तब वे अशोक वाटिका में रहीं। उनकी पवित्रता का उदाहरण यह कि रावण स्वयं सीता के सामने अचानक नहीं पहुंचते थे। क्योंकि, माता सीता एक छोटे से तिनके से पहाड़ जैसी दीवार खड़ी कर देती थीं। उनकी पतिव्रता के साथ साथ अन्य गुणों को आत्मसात करने की आवश्यकता है, जो जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने के समान है। जिला संयोजिका रेखा विशनोई ने कहा कि माता सीता ने बेटी, बहु व पत्नि की सेवा मुख्य ध्येय रहा। अनुज लक्ष्मण को मॉ की तरह स्नेह दिया। सीता नवमीं के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। अंत में हंसा पंडित ने सभी का आभार व्यक्त किया। वहीं महिलाओं से संगठन के रचनात्मक, सकारात्मक एवं धार्मिक कार्यक्रम में सक्रियता की अपेक्षा भी जताई।
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