कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल बोले- जब भी कांगेस को मौका मिला निमाड़ का विकास हुआ

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 खंडवा। खंडवा संसदीय सीट पर कांग्रेस से नरेंद्र पटेल को अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने पर उन्होने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब भी निमाड़ से मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी को जीता कर संसद या विधानसभा में भेजा क्षेत्र का विकास तेजी से हुआ है।

कांग्रेस ने ही निमाड़ को इंदिरा सागर बांध, नहरें, बिजली कारखाने और स्वास्थ्य तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सौगातें दी है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेता व कार्यकर्ता कभी कांग्रेस के प्रति इमानदार नहीं रहे।

वे केवल सरकार रहने पर लाभ लेने के लिए कांग्रेस में रहे। पार्टी ने टिकिट दिया हैं। हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव में हैं, उनके सहयोग से हम भाजपा को कड़ी टक्कर देंगे।]

खंडवा लोकसभा में दोनों दलों ने उतारे बाहरी प्रत्याशी

लंबे इंतजार के बाद शनिवार को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। खंडवा संसदीय सीट से भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी स्थानीय( खंडवा) प्रत्याशी की मांग को दरकिनार कर पड़ोसी जिला खरगोन की बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के नरेंद्र पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी पटेल को हाल ही के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बड़वाह से प्रत्याशी बनाया था। जो भाजपा के सचिन बिरला से हार गए थे। अब लोकसभा में उनका मुकाबला भाजपा के मौजूद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से है।

खंडवा संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर खंडवा को दोनों ही प्रमुख दलों ने प्रत्याशी की मांग को नकार दिया है। संसदीय इतिहास पर नजर डाले तो खंडवा संसदीय सीट पर अब तक हुए चुनाव पर गौर किया जाए तो पूर्व में हुए दो उप चुनाव सहित 17 आम चुनाव में नौ बार कांग्रेस तथा नौ बार भाजपा, सहयोगी भारतीय लोकदल और जनता पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए है।

इनमें दिलचस्प बात यह है कि खंडवा लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने का 11 बार मौका बुरहानपुर के कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी को मिला है। वहीं दो बार लोकसभा से बाहर के प्रत्याशी भी विजयी हुए हैं।

खंडवा लोकसभा में भाजपा ने प्रत्याशी को पुन: मौका दिया है। वहीं कांग्रेस ने संसदीय क्षेत्र में नए चेहरे को मौका दिया है। कांग्रेस में गुर्जर समाज से वरिष्ठ कांग्रेसी नरेंद्र पटेल (सनावद) तो भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के ज्ञानेश्वर पाटिल बुरहानपुर को उम्मीदवार बनाया है। यहां से तीन बार चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के पूर्व सांसद अरुण यादव द्वारा चुनाव से कदम पीछे खींचने से उनके समर्थक पटेल को पार्टी ने टिकिट दिया है।

सनावद निवासी 63 वर्षीय नरेंद्र पटेल बारहवीं तक शिक्षित है। उनका व्यवसाय खेती किसानी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री है। वर्ष 195 से 98 तक जिला कांग्रेस महामंत्री, 2006 से 12 तक ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके है। हाल ही में जीवन का पहला चुनाव 2023 में बड़वाह विधानसभा सीट से लड़ा था। भाजपा के सचिन बिरला से उन्हे पराजय का सामना करना पड़ा।

राजनीति में लंबे समय से सक्रिय नरेंद्र पटेल पूर्व सांसद अरुण यादव के समर्थक और पूर्व सांसद तथा विधायक ताराचंद पटेल के भतीजे हैं। उनके काका ताराचंद पटेल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के चुनाव कार्यक्रमों का संचालन वे कर चुके हैं। पिता प्यारेलाल पटेल सनावद नगर पालिका में पार्षद व भोगांवा निपानी ग्राम पंचायत से सरपंच रह चुके हैं। राजनीति के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। गुर्जर समाज की कई संस्थाओं में बतौर ट्रस्टी व सदस्य हैं।

खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद

 

वर्ष – विजयी प्रत्याशी – पार्टी – निवासी

1952 – बाबूलाल तिवारी – कांग्रेस – खंडवा

1957 – बाबूलाल तिवारी – कांग्रेस – खंडवा

1962 – महेश दत्त मिश्र – कांग्रेस – हरदा

1967 – गंगाचरण दीक्षित – कांग्रेस – खंडवा

1971 – गंगाचरण दीक्षित – कांग्रेस – खंडवा

1977 – परमानंद गोविंदजीवाला – बीएलडी – बुरहानपुर

1979 – कुशाभाऊ ठाकरे – भाजपा – भोपाल

1980 – शिवकुमार सिंह – कांग्रेस – बुरहानपुर

1984 – कालीचरण सकरगाये – कांग्रेस – खंडवा

1989 – अमृतलाल तारवाला – भाजपा – बुरहानपुर

1991 – महेंद्रकुमार सिंह – कांग्रेस – बुरहानपुर

1996 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

1998 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

1999 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

2004 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

2009 – अरूण सुभाषचंद्र यादव – कांग्रेस – खरगोन

2014 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

2019 – नंदकुमारसिंह चौहान – भाजपा – बुरहानपुर

2021 – ज्ञानेश्वर पाटिल – भाजपा – बुरहानपुर

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