अनोखा तीर, हरदा। जिला प्रशासन ने अपना वादा निभातेे हुए क्षेत्र में नहर की सिंचाईं से जुड़े किसानों के लिये मंगलवार को तवा डेम से पानी छोड़ दिया है। जिसका प्रशासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत किसान संगठनों से दावा किया था। इसी क्रम में तवा डेम पर पहुंचे किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में १०३४ क्यूसेक पानी छोड़ा है। इस अवसर को किसानों ने नहर उत्सव के रूप में मनाया गया। इससे पहले तवा डेम पर विधि विधान से नहर तथा जल देवता की पूजा-अर्चना की। वहीं जल की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए उसके संरक्षण का संकल्प भी दोहराया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 मार्च तवा डेम से हरदा एवं नर्मदापुरम जिले में मूंग की सिंचाई के लिए बांयी तट नहर में प्रारंभिक तौर पर 1034 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है, जो आगे चलकर किसानों की मांग अनुरूप बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है। भारतीय किसान संघ के जिला जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद ने कहा कि अगले 48 घंटे में जिले की नहरों में पानी पहुंच जाएगा। इसी के साथ क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग का सिंचाई कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंनें यह भी कहा कि नहर एवं जल पूजन का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों के साथ साथ आमजन में नहर एवं तथा जल के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो। वहीं क्षेत्र में धन-धान्य का मूल आधार हम सबकी सिंचाईं व्यवस्था अंतर्गत पानी का अव्यय रोकना है, ताकि प्रत्येक किसान को पानी उपलब्ध हो सके। उन्होंनें इस दिशा में सार्थक प्रयासों को गति देने की बात भी कही है। इस मौके पर भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री विजय मलगाया, जिला जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद, विष्णु प्रसाद मालाकर, राहुल बांके सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
अथक प्रयासों से खुले उन्नति के द्वार
इधर, भाजपा किसान मोर्चा ने किसानों के हितार्थ नहर में पानी छोड़े जाने पर हर्ष व्यक्त किया है। वहीं प्रदेश की किसान हितेषी भाजपा सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। साथ ही क्षेत्र के किसान नेता एवं प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के अथक प्रयासों से किसानों के लिये उन्नति के द्वार खुले हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री गोदारा ने कहा कि कोरानाकाल के समय किसान जब खाली बैठे थे। ठीक उसी समय किसान नेता कमल पटेल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर नहर में पानी छोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि किसान गांवों में रहकर फसलों की तैयारी समेत उसके रखरखाव में व्यस्त रह सकेंगे। जबकि कोरानाकाल में जहां समस्त व्यापार-उद्योग, धंधे तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठान समेत मजदूरी के कार्य भी बंद थे। परंतु श्री पटेल के अथक प्रयासों के चलते किसानों को भरपूर पानी मिला। वहीं मूंग की कटाई होने के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात कर समर्थन मूल्य पर मूंग की सरकारी खरीदी सुनिश्चित करने में अहम योगदान रहा, जो किसानों के लिये आर्थिक संबल से कम नही था। बता दें कि तीसरी या यूं कहें कि वैकल्पिक फसल के तौर पर मूंग की फसल किसानों के लिये बोनस के समान है। यही कारण है कि साल दर साल मूंग का रकबा बढ़ रहा है। किसान मोर्चा अध्यक्ष राजेश गोदारा ने ग्रीष्मकालीन मूंग के लिये सिंचाईं व्यवस्था सुनिश्चित करने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, सिचाई मंत्री तुलसी सिलावट एवं पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल का किसानों की ओर से आभार जताया है।
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