आंदोलन का असर…. किसानों की ज्वलंत मांगों को लेकर दिया धरना

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अनोखा तीर, हरदा। देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का असर यहां भी दिखाई दिया है। जब, आंदोलनरत किसान संगठनों के समर्थन में जिला किसान कांग्रेस ने स्थानीय नारायण टॉकिज चौक पर एक दिवसीय धरना दिया। वहीं शासन के नाम संबोधित एक ज्ञापन अधिकारी को सौंपा है। इससे पहले कांग्रेसियों ने केन्द्र एवं प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही किसानों की ज्वलंत मांगो को पूरा करने की आवाज बुलंद की। आयोजित धरने में विधायक डॉ रामकिशोर दोगने ने कहा कि सरकार किसानों का शोषण कर रही है। मंच से केवल बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले ने कहा कि किसान अपनी जायज मांगो को लेकर आंदोलन की राह पर हैं। किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में गेहूॅ का दाम 2700 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने की कही थी। जिस पर सरकार को अमल करने की जरूरत है। उन्होंनें यह भी कहा कि क्षेत्र में कटाई का समय नजदीक है। उधर, किसानों के पंजीयन हो नहीं रहे हैं। यही हाल रहा तो आगामी दिनों में किसान कांग्रेस गांव-गांव जाकर सरकार की कथनी और करनी को उजागर करेगी। महिला कांग्रेस सेवादल की प्रदेश अध्यक्ष अवनी बंसल ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी देने की बात पर जोर दिया। धरना-प्रदर्शन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओम पटेल, किसान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री रविशंकर शर्मा, दिनेश यादव, प्रमिला ठाकुर, गंगाराम गुर्जर, ब्लाक अध्यक्ष सुरेन्द्र बिश्नोई, हरीश गुप्ता, आमिर पटेल, अनिल विश्नोई, आलोक पारे और अजय राजपूत ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर कांग्रेस नेता भूपेश पटेल, विजय सुरमा, उमाशंकर विश्नोई, संजय गोयल, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा, अहद खान, प्रेरक सारन सहित बअड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

यह मुख्य मांगे…

– किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी की ग्यारंटी प्रदान की जाए।

– किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफ कर उन्हें राहत मुहैया कराएं।

– सरकार की घोषणा अनुरूप किसानों का गेहूॅ 2700 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने की व्यवस्था करें।

– इस साल मौसम खराब होने से किसानों की फसल खराब हुई है, उन्हें राहत दिलाई जाए।

– 5 एकड़ से कम लघु एवं सीमांत किसानों को मनरेगा से जोड़ा जाएं।

– लघु एवं सीमांत किसानों को बिजली मुफ्त उपलब्ध जाए एवं अन्य किसानों से आधे दाम वसूलें।

– किसानों को खाद बीज एवं अन्य कृषि उपकरण पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाए।

– अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को प्रदर्शन कृषि बीज वितरण बहाल की जाए।

– किसानों को डीजल क्रय करने के लिये कार्ड बनाकर दिए जाए।

– किसानों से खाद, बीज, कीटनाशक और कृषि यंत्रो से जीएसटी वसूली बंद की जाए।

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