सीबीएससी की 10वीं बोर्ड परीक्षा आज से, परीक्षा को ओर अधिक परदर्शी बनाने ट्रांसपेरेंट सामग्री अनिवार्य
परीक्षार्थियों की संख्या अनुरूप केन्द्रों का निर्धारण
बोर्ड परीक्षाओं का आगाज हो चुका है। माशिमं का बोर्ड परीक्षीय जहां फरवरी से प्रारंभ हो गया है। इसी कड़ी में एक दिन पहले सोमवार 19 फरवरी से सीबीएससी का 12वी का पहला पेपर होने के बाद आज बुधवार को सीबीएससी का 10 बोर्ड का पहला पेपर है। इसके लिये कुल 4 परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण हुआ है। जहां प्रायवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बोर्ड कक्षा १०वीं के विद्यार्थी अपना पहला हिन्दी का पेपर हल करेंगे। प्राप्त जानकारी केअनुसार प्रात: साढ़े 10 बजे शुरू होने वाला पेपर दोपहर डेढ़ बजे खत्म होगा। परीक्षा के प्रथम दिवस परीक्षार्थियों को आधा घंटे पहले यानि 10 बजे केन्द्र पर उपस्थिति के लिये पाबंद किया है।
छात्र के हाथ में ट्रांसपेरेंट सामान
रितेश त्यागी, हरदा। शिक्षण व्यवस्था खासकर सालभर पढ़ाई-लिखाई उपरांत छात्रों का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से संपन्न होने वाली वार्षिक परीक्षाओं ओर अधिक व्यवस्थाशील तथा परदर्शी बनाने की दृष्टि से साल दर साल बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जो कहीं ना कहीं बोर्ड परीक्षाओं से सीधे पर जुड़ा हुआ है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के दिशा-निर्देश पर 6 फरवरी से परीक्षाओं का आगाज हुआ चुका है। इसी कड़ी में सीबीएससी कोर्स की 12वीं का पेपर संपन्न होने के आज दूसरे दिन यानि मंगलवार को 10वीं बोर्ड परीक्षा का पहला हिन्दी का पेपर है। जिलेभर में सीबीएससी छात्रों के लिये कुल 4 परीक्षा केन्द्र बनाएं हैं। जिन पर मंगलवार सुबह 10 परीक्षार्थियों को आमद देनी है। इसकी मुख्य पहले दिन विभिन्न कार्रवाईयों को अंजाम दिया जाना है। इसी बीच खास बात सामने आई है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की तर्ज पर आवश्यक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिये पाबंद किया है। जिसमें परीक्षार्थियों को ट्रांसपेरेंट शिक्षण सामग्री अनिवार्य की है, ताकि किसी प्रकार का संदेह ना हो। ट्रांसपेरेंट तख्ती, ट्रांसपेरेंट पेन, कम्पाक्स समेत अन्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त परीक्षा केन्द्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम तथा सिर्फ एक ही गेट से आने और जाने की व्यवस्था की है। साथ ही परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र चेक करने के बाद उन्हें केन्द्र के अंदर एन्ट्री मिलेगी। ये सब बोर्ड परीक्षाओं को ओर अधिक पारदर्शी बनाने के साथ साथ छात्रों के मन से नकल जैसी बुरी प्रवृत्ति से छुटकारा दिलाने की कवायद मानी जा रही है। हालांकि, एहतियातन अन्य कदम भी उठाएं हैं। जो सरकारी शिक्षण व्यवस्था को निष्पक्ष एवं साफ-सुथरा बनाने की दिशा में कारगर ठहराया जा रहा है। जबकि पुराने ढर्रें में नकल को बल मिलता था। शिक्षित वर्ग के मुताबिक प्रयासों की यही रफ्तार रही तो सरकारी शिक्षण व्यवस्था में सुधार तय है, वहीं नकल के प्रकरणों पर मानो पूर्ण विराम है।
…. तो रखी मिलगी लोहे की पेटी
इन सबके बावजूद अगर किसी परीक्षार्थी के साथ गाइड़, पन्ना सहित अन्य संदेहास्पद मौजूद है तो केन्द्र पर एन्ट्री करते ही उन्हें एक लोहे की पेटी नजर आएगी। जिसे इसी उद्देश्य से रखा जाएगा कि छात्र आवश्यक सामग्री को छोड़कर दनर्गल सामग्री को उसमें फेंक सकते हैं। इससे छात्र कार्रवाई के दायरे में आने से बच सकेगा।
यहां के शिक्षक वहां, वहां के यहां
परीक्षा केन्द्रों को निष्पक्षता प्रदान करने के लिहाज से अन्य आवश्यक बिन्दूओं पर भी फोकस है। जिसमें आब्जर्वर की डयूटी के अलावा जिन केन्द्रों पर आज 10 बोर्ड की परीक्षा होनी है, वहां उस स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक की डयूटी नही लगेगी। इसी क्रम में ऐसे शिक्षकों को उन्हें दूसरे परीक्षा केन्द्र पर तैनात कर दिया है।