भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की तरह मित्रता करें- पंडित शास्त्री
ग्राम चंदवाना में भंडारा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम
खातेगाव- श्रीमद् भागवत कथा पूर्ण फल देने वाली कथा है श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस भगवान श्री कृष्ण और सुदामा प्रसग की कथा का श्रवण कराते हुए व्यास पीठ पर विराजे पंडित नित्यानंद शास्त्री ने उपस्थित जनसमूह को कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि मित्रता करें तो भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की तरह, मित्र के साथ कभी छल कपट नहीं करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता से हमें जीवन जीना चाहिए । उज्जैन के संदीपनी आश्रम में जगत के गुरु भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की जहां पर उन्हें मित्र सुदामा के रूप में मिले। गरीबी का नाम सुदामा नहीं है भक्ति के उच्च शिखर का नाम सुदामा है l ग्राम चंदवाना में संगीतमय में श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर विधायक पंडित आशीष शर्मा ने व्यास पीट का पूजन किया और भजनो की प्रस्तुति दी । कथा परिसर मे प्रतिदिन मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण व पूजन रुद्राभिषेक यजमान ठाकुर इंदर सिंह राठौड़ ग्राम चंदवाना एवं . ग्राम वासियों ने किया कथा के समापन अवसर पर विशाल भंडारे में बड़ी संख्या में भक्तों श्रद्धालुओं की आस्था का जनसैलाब उमडा दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने पहुंचकर कथा का श्रवण किया सात दिवसीय संगीत में कथा का हवन पूजन के साथ विश्राम हुआ ।