यह बात गलत है !
आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के वार्ड क्रमांक 2 का दृश्य है। जहां पेयजल व्यवस्था की दृष्टि से लगा हैंडपंप शोपीस में तब्दील हो गया है। जबकि यही हैंडपंप एक समय में स्थानीय लोगों को भरपूर पानी मुहैया कराता था। लेकिन, देखरेख एवं रखरखाव के अभाव में जलस्त्रोत इस हाल में पहुंच गया है। वार्ड की एक अन्य गली में लगा हैंडपप भी कुछ इसी तरह के हालातों से जूझ रहा है। जिसके चलते मोहल्ले में पेयजल सुविधा लड़खड़ाना लाजमी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में पानी की खपत भी जोर पकड़ेगी। इन सबके बीच शहरी सीमा में जगह-जगह लगे हैंडपंपों में से कई हैंडपंप बंद पड़े हैं। जबकि जो हैंडपंप चालू हैं, उनकी सेहत खराब है। ऐसे में हैंडपंपों के सुधार तथा मरम्मत की दिशा में सघन अभियान की दरकार है, ताकि बंद हैंडपंपों की कमी को दूर कर व्यवस्था बहाल की जा सके। लेकिन इस दिशा में ठोस प्रयासों के अभाव में लोग दो टूक कहना नही चूक रहे, कि यह बात गलत है।