कलेक्टर ने नहरों का किया निरीक्षण, कहा –  हेडअप बांधने वालों से सख्ती के साथ निपटें  

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ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में अंतिम सिंचाईं का दौर चल रहा है। इस बीच कलेक्टर आदित्य सिंह रविवार सुबह 7 बजे नहरों का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान नहरों में बंधे हेडअप को देखकर नाराजगी जाहिर की। साथ ही यह निर्देश दिया कि जहां-जहां भी हेडअप बनाएं हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाएं।  ताकि नहरों में पानी का प्रवाह बाधित ना हो। कलेक्टर श्री सिंह ने अपने निरीक्षण दौरान जहां अजनई माइनर के प्रभारी व एसडीओ सुनील सोलंकी से पिछले एक महिने की  भ्रमण एवं निरीक्षण की रिपोर्ट तलब की है। वहीं ग्राम करताना में डयूटी के प्रति लापरवाही उजागर होने पर क्षेत्र का पटवारी कार्रवाई की जद में आ गया है।  दरअसल, कलेक्टर श्री सिंह ने पटवारी के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।  
        
अनोखा तीर, हरदा। कलेक्टर आदित्य सिंह ने रविवार को मुख्य नहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर वहां चल रहे सिंचाई कार्य का जायजा लिया।  इस दौरान श्री सिंह अजनई, गोदड़ी, बाजनियां, रूंदलाय, माथनी, करताना और गुरद्या माइनर का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां निरीक्षण दौरान मालूम हुआ कि किसान नहर में हेडअप बनाकर पानी का प्रवाह बाधित कर रहे हैं, जो कि सिंचाई कार्य में बाधा उत्पन्न करने के समान है। इस मौके पर कलेक्टर श्री सिंह ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को  निर्देशित किया कि नहरों में जहां-जहां हेडअप बने हैं, उन्हें अविलंब हटाया जाएं। श्री सिंह ने अजनई माइनर के प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी सुनील सोलंकी से पिछले एक महिने की दौरा-भ्रमण संबंधी रिपोर्ट तलब की है। इसके लिये कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को पाबंद किया गया है। यहां से कलेक्टर श्री सिंह अन्य अधिकारियों के साथ ग्राम बाबड़िया स्थित माचक उपनहर का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंनें रोलगांव माइनर से चल रहे सिंचाई कार्य को भी देखा। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि नहरों  की सतत मॉनिटरिंग करें, वहीं सिंचाई कार्य में बाधा पैदा करने वाले शरारती तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही निरीक्षण दौरान यदि कहीं पर हेडअप नजर आए तो उन्हें तुरंत हटाया जाए। यहां बताना होगा कि ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में सिंचाईं के लिये पिछले साल की तरह इस साल भी नहरों में पानी छोड़ा गया है, जो आगामी दिनों में बंद होने वाला है। ऐसे में नहर सिंचाईं से जुड़े किसान मूंग की फसल में तीसरा या यूं कहें कि अंतिम पानी के लिये प्रयासरत हैं। इस बीच कलेक्टर श्री सिंह का दौरा खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

…ताकि अंतिम छोर पर पहुंचे पानी  
निरीक्षण दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने उनके साथ मौजूद तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे भी नहर व उसके आसपास के गांवों का दौरा करें। जल संसाधन विभाग के नहर प्रभारी के साथ साथ अधीनस्थ पटवारियों को साथ लेकर सिंचाई कार्य की मॉनिटरिंग करें, ताकि नहर के अंतिम छोर पर किसानों की फसल को पर्याप्त पानी मिल सके ।
कार्रवाई के दायरे में पटवारी
कलेक्टर के भ्रमण दौरान करताना क्षेत्र के पटवारी को डयूटी से नदारद रहना महंगा पड़ने जा रहा है। दरअसल,  कलेक्टर श्री सिंह ने तहसीलदार को पटवारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किया है।  इधर, कार्रवाई की सुगबुगाहट के बीच मैदानी अमला पूरी तरह सचेत हो गया है।

एचबीसी में बदला ओसराबंदी कार्यक्रम
इधर, कार्यपालन यंत्री हंडिया नहर संभाग के मुताबिक ग्रीष्मकालीन मूंग सिंचाई के लिए पूर्व में जारी ओसराबंदी कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। नये कार्यक्रम के मुताबिक सुबह  8 बजे से प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को 0 से 12.09 किलोमीटर तक सभी नहरे बंद रहेंगी। प्रत्येक शुक्रवार व शनिवार को 12 से 21 किलोमीटर तक की सभी नहरें बंद रहेंगी। प्रत्येक रविवार व सोमवार को 21 से 33 किलोमीटर तक की सभी नहर बंद रहेगी तथा प्रत्येक मंगलवार को 33 से 40 किलोमीटर तक की सभी नहर बंद रहेंगी। उन्होंने बताया कि 5 क्यूसेक से छोटी नहर शाम 6 से सुबह 6 तक बंद रहेंगी। इस दौरान बिना अनुमति और अग्रिम राशि जमा किए बगैर सिंचाई पंप नहीं चलाए जा सकेंगे। ट्रैक्टर चलित 10 हॉर्स पावर से अधिक क्षमता के पंप चलाए जा सकेंगे। डिफाल्टर किसानों द्वारा सिंचाई राजस्व जमा ना करने की दशा में उनके साइफन पंप बंद करने की हिदायत दी है।

व्यवस्था बहाल !  उधर , धरना समाप्त
उधर, नहर में पर्याप्त पानी समेत अन्य मांगों को लेकर बीतें दो दिन से भाकिसं का धरना जारी रहा, जो रविवार सुबह 7 बजे नहर का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर आदित्य  सिंह से  मुलाकात के बाद खत्म हो गया है। क्योंकि, प्रशासन ने  किसान संगठन की मांग अनुरूप जल संसाधन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं। भाकिसं के जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद ने बताया कि  कलेक्टर श्री सिंह ने 18 मई को जारी ओसराबंदी कार्यक्रम को निरस्त कर पहले की तरह 48 घंटे का कार्यक्रम बहाल रखने का संकेत दे दिया है।  इसी के साथ संगठन के धरना आंदोलन को विराम देने का एलान किया है। इस मौके पर संघ के संभागीय मंत्री विनोद पाटिल, जिला जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद, जिला व्यवस्था प्रमुख राधेश्याम पाटिल, तहसील अध्यक्ष रामकृष्ण राजपूत, तहसील मंत्री राजेश डूडी, पूर्व तहसील अध्यक्ष रेवाशंकर दोगने,  मीडिया प्रभारी कुंवर सिंह राजपूत, विष्णु  यदुवंशी, जितेंद्र राजपूत, मुकेश राजपूत, अंकित तोमर सहित ग्राम इकाई के अध्यक्ष, मंत्री समेत संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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