पिता-पुत्र की फर्म से खरीद डाली लाखों की सामग्री

 

 

अनोखा तीर, बैतूल। शाहपुर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेलकर स्वहित साधते हुए अपनी तिजोरियां भरी जा रही हैं और जिम्मेदारों का मौन अब उन अधिकारियों पर ही सवाल खड़े कर रहा है जिनकी नाक के नीचे सरकारी पैसों की बन्दर बांट की जा रही है। जानकारी के मुताबिक किसी पिता-पुत्र की फर्म से कौड़ियों के दामों में मिलने वाली सामग्री की खरीदी में लाखों रुपए फूंक दिए गए। आवासीय परिसर में वाटर कूलर, आरओ और नेमप्लेट बनवाए जाने के लिए लाखों रुपए का भुगतान बिना सोचे समझे कर दिए जाने के बाद अब बड़े अधिकारियों पर भी उंगलियां उठनी शुरू हो गयी हैं। क्योंकि ये संभव ही नहीं है कि अधिकारियों की नाक के नीचे करोड़ों रुपए ठिकाने लगाए जा रहे हों और उन्हें इसका पता तक ना चले।

43 हजार का वाटर कूलर 74 हजार में खरीदा

वित्तीय वर्ष 1 अप्रेल से 23 सितंबर 2023 के बीच हुई खरीदी में आवासीय विद्यालय परिसर में लाखों रुपयों कि बन्दर बांट किस तरह की गई इसकी गवाही दस्तावेज खुद दे रहे हैं। गर्मियों के मौसम को देखते इस वित्तीय वर्ष में प्रबंधन द्वारा 3 नग वाटर कूलरों की खरीदी की गई थी। बाउचर नम्बर 50 के मुताबिक 1 वाटर कूलर की कीमत का बिल ठेकेदार द्वारा 74 हजार 995 रुपए का दिया गया है। जबकि इसी वाटर कूलर की कीमत खुले बाजार में मात्र 43 हजार रुपए है। इस हिसाब से तीन वाटर कूलरों का भुगतान 1 लाख 29 हजार रुपए किया जाना था। लेकिन प्रबन्धन द्वारा ठेकेदार को कुल 2 लाख 24 हजार 998 रुपए का भुगतान किया गया है। इस हिसाब से मात्र तीन वाटर कूलरों की खरीदी में ठेकेदार को 95 हजार 998 रुपए का भुगतान ज्यादा कैसे कर दिया गया जो कि जांच का विषय है।

आरओ खरीदी में 1 लाख 28 हजार का फर्जीवाड़ा

आवासीय विद्यालय परिसर में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में खर्च होने वाले करोड़ों रुपयों से कौन कौन अधिकारी उपकृत हो रहे हैं इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो पाएगा। लेकिन अब जरूरत है दृढ़ इच्छाशक्ति की जो पूरे मामले की जांच करवाई जा सके। इसी वित्तीय वर्ष में प्रबंधन ने आरओ की खरीदी में भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी। क्योंकि ब्रांडेड कम्पनी के आरओ भी इतने महंगे नहीं आते जितने में प्रबंधन ने इसकी खरीदी की है। बाउचर नम्बर 51 के मुताबिक प्रबंधन ने कुल 6 नग आरओ की खरीदी की है जिसमें एक आरओ का बाजार मूल्य मात्र 9 हजार रुपए है। लेकिन प्रबंधन ने यही आरओ 34 हजार 998 रुपए में खरीद कर ठेकेदार को 2 लाख 9 हजार 988 रुपए का भुगतान कर दिया और शासन को कुल 1 लाख 28 हजार 988 रुपए का चूना लगा दिया।

3 हजार की नेमप्लेट के चुकाए 6 हजार 950

एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर में चल रहे खुले खेल में विद्यालय के संचालनकर्ता शक के दायरे में इसलिए भी आ रहे हैं क्योंकि प्रत्येक खरीदी में फर्जीवाड़ा साफ नजर आ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, विद्यालय परिसर में लगाई जाने वाली नेमप्लेट की खरीदी में भी जमकर माल कमाया है। जो नेम प्लेट बाजार में मात्र 3 हजार रुपए में बनकर तैयार हो रही है उसी नेमप्लेट के प्रबंधन 6 हजार 950 आखिर कैसे चुका सकता है। बाउचर नंबर 83 पर नजर डाली जाए तो कुछ यही कहानी देखने को मिल रही है। प्रबंधन द्वारा कुल 26 नग नेम्पलेटों की खरीदी की गई है। जिसका भुगतान 3 हजार रुपए प्रति नेम प्लेट के हिसाब से इसका भुगतान 78 हजार रुपए किया जा सकता था। लेकिन ठेकेदार को कुल 1 लाख 80 हजार 700 रुपए का भुगतान कर 1 लाख 2 हजार 700 रुपए अंदर कर लिया जाना भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघने के लिए काफी है। कलेक्टर से शिकायत हुए भी काफी दिन बीत चुके हैं लेकिन कार्यवाही अभी शून्य ही है।

 मन पसन्द फर्मों से की गई खरीदी

जिस फर्म से खरीदी की गई है उस फ़र्म के ठेकेदार विजय सिंह महाकाल ट्रेडिंग एजेंसी भोपाल के ठेकेदार आलोक सिंह के पिता हैं। प्राचार्य प्रथम श्रेणी, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, शाहपुर एचओडी द्वारा जेम पोर्टल से सामग्री क्रय का आदेश सोच-समझकर व जानबूझकर अपनी पसंद की फर्म को जारी किया गया। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 1 अप्रेल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक प्राचार्य (प्रथम श्रेणी), एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, शाहपुर, जिला बैतूल के द्वारा किए गए सभी देयक के भुगतान की जांच की जाए।

नियमों की इस तरह उड़ाई धज्जियां

मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, भोपाल 13 जनवरी 2023 से जारी निर्देश सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर)/मध्यप्रदेश भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम-2015 (यथा संशोधित-2022) की कंडिका क्रमांक 9 के तहत 25 लाख तक के मूल्य की सामग्री क्रय एवं भुगतान किए जाने संबंधी प्रक्रिया/निर्देश जारी किए गए हैं। उक्त विहित प्रावधान का उल्लंघन कर वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2023 से 12 सिंतबर 2023 तक में रूपेश ठाकरे ठेकेदार देवांशु इन्टरपाइजेस भोपाल से 15 बार सामग्री क्रय की गई। इसी तरह तरुण धोटे ठेकेदार गेलेक्सी इंटरपाइजेस से 7 बार सामग्री क्रय, विजय सिंह ठेकेदार महाकाल ट्रेडिंग एजेंसी भोपाल से 9 बार, सुदीप्त शेखर सरकार, सहायक ग्रेड-3, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, शाहपुर और प्रचार्य एसके डोनिवाल द्वारा नियमों के विपरीत जाकर खरीदी की है जिसका मौके पर ही भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए।

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