अनोखा तीर इंदौर। सोमवार से दसवीं और मंगलवार से बारहवीं बोर्ड परीक्षा शुरू होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं को बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया है। यहां तक कि नकल रोकने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से अलग-अलग उड़नदस्ते होंगे।
कंट्रोल रूम में नहीं खुलेंगे लिफाफे
प्रश्न पत्र का बॉक्स प्राप्त करने के बाद कलेक्टर प्रतिनिधि के नेतृत्व में सभी लोग सीधे केंद्र पहुंचेंगे। यहां भी सेल्फी खींचकर भेजी जाएगी। उसके बाद ही प्रश्न पत्र को खोला जाएगा। प्रश्न पत्र के लिफाफे कंट्रोल रूम में न खुलवाते हूए इस बार पर्यवेक्षक को अपनी-अपनी कक्षाओं में खोलना होगा। अधिकारियों के मुताबिक प्रश्न पत्र के बंडल तीन तरह के बनाए है, जो 20, 40 और 60 प्रश्न पत्र होंगे। यह लिफाफे पर्यवेक्षक को कक्षा में मौजूद विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से देंगे। वे बताते है कि यदि किसी लिफाफे की सील खुली पाई जाती है तो तुरंत कलेक्टर प्रतिनिधि को जानकारी दें। साथ ही केंद्राध्यक्ष को भी बताएं।
बंद रखना है मोबाइल
परीक्षण की गोपनीयता बनाए रखने के लिए इस बार कलेक्टर प्रतिनिधि की जिम्मेदारी बढ़ाई है। थाने से प्रश्न पत्र केंद्र तक पहुंचने के अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र बांटने तक वहां रुकना है। साथ ही केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक सहित स्कूल के अन्य स्टाफ व सदस्यों के मोबाइल फोन को बंद करवाना है। वहीं सभी फोन को सील बंद लिफाफे में रखना होंगे।
12 टीमें रखेंगी नजर
परीक्षण में नकल रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने पुख्ता इंतजाम कर रखे है। अकेले इंदौर जिले में 137 स्कूलों को केंद्र बनाया है। जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में आठ टीमें बनाई है, जो सरकारी के अलावा निजी स्कूलों में बनाए गए केंद्रों का निरीक्षण करेंगी। इसके अलावा संयुक्त संचालक की तीन से चार टीमें केंद्रों में जाएंगे। जबकि एसडीएम को भी अपने-अपने दायरे में आने वाले केंद्रों पर नजर रखना है। उनका भी उड़नदस्ता घूमेगा। अधिकारियों के मुताबिक दोनों परीक्षाओं में एक लाख से अधिक विद्यार्थी बैठेंगे।
रुकना होगा पेपर बंटने तक
परीक्षा को लेकर सारी तैयारी हो चुकी है। केंद्रों पर परीक्षा सामाग्री पहुंचा दी। साथ ही पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस बार कलेक्टर प्रतिनिधि की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। उन्हें प्रश्न पत्र केंद्र तक पहुंचना है। साथ ही उन्हें विद्यार्थियों को बांटने तक रुकना है। -मंगलेश व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी
Views Today: 2
Total Views: 52