मप्र संकल्प पत्र-2023 की गारंटी से होगी खेती समृद्ध

भोपाल- खेती की समृद्धि के लिये 32,000 करोड़ रूपये की सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स बनाई जायेगी। मप्र संकल्प पत्र-2023 में सिंचाई सुविधाओं विस्तार करते हुए खेती को आधुनिक और समृद्ध बनाने की गारंटी दोहराई गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संकल्प-पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है। इसके क्रियान्वयन के लिये उन्होंने सभी विभागों को सात दिन में रोड-मेप बनाकर कार्य शुरू करने के निर्देश दिये है।

ग्वालियर एवं चंबल में माधवराव सिंधिया सिंचाई परियोजना, नरसिंहपुर, रायसेन और होशंगाबाद में चिंकी-बोरास बैराज परियोजना, नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा में शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना, छिंदवाड़ा में पेंच डायवर्सन परियोजना, खंडवा में खंडवा उद्दहन माइक्रो सिंचाई परियोजना पन्ना में रूंझ मध्यम सिंचाई परियोजना और मझगांव मध्यम सिंचाई परियोजना पन्ना, रीवा, सतना, कटनी एवं जबलपुर में बरगी परियोजना, कटनी में बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना, हरदा में शहीद इलाप सिंह उद्रहन माइक्रो सिंचाई परियोजना, श्योपुर में चेंटीखेड़ा मुख्य सिंचाई परियोजना, सतना एवं रीवा में बहुती नहर परियोजना पूरी होने से प्रदेश का कृषि परिदृश्य पूरी तरह बदल जायेगा।

उज्जैन में चना अनुसंधान संस्थान और डिंडौरी में अन्न अनुसंधान संस्थान स्थापित किया जायेगा। सोयाबीन फसल को सहकारी तेल मिल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। अन्न की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से अन्न उत्पादकों को 1,000 रूपये प्रति एकड़ प्रति फसल सम्मान राशि दी जायेगी।  अन्न की फसल बोने पर लघु एवं सीमांत किसानों के लिए प्रधान मंत्री ‘फसल बीमा योजना में देय प्रीमियम में सब्सिडी दी जायेगी।

अगले 5 वर्षों में दाल उत्पादन बढ़ाने के लिये मध्य प्रदेश में मिशन दाल शुरू किया जायेगा। सरकार द्वारा एमएसपी पर अरहर, मूंग, उड़द एवं मसूर जैसी सभी दालों की खरीद की व्यवस्था को और ज्यादा मजबूत बनाया जायेगा। दाल-विशिष्ट एफपीओ स्थापित करेंगे । इससे दाल की प्रोसेसिंग एवं वैल्यू चेन को बढ़ावा मिलेगा।

बागवानी का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 30 लाख हेक्टेयर बढ़ावा दिया जायेगा। मध्यप्रदेश फ्लोरीकल्चर मिशन बनाकर मध्यप्रदेश को फलोरीकल्चर में नम्बर वन बनाया जायेगा।

पीएम किसान सम्मान निंधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से 80 लाख से अधिक किसानों को हर साल रूपये 12,000 की वित्तीय सहायता मिल रही है। पिछले साढें तीन वर्षों में किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं में 3 लाख करोड़ से अधिक के लाभ दिए गए है।

पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को पिछले 3 वर्षों में 20,000 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है। इसके आलावा 44,600 करोड़ से ज्यादा लागत की केन-बेतवा सिंचाई परियोजना को स्वीकृति मिल गई है।

पांच हॉर्स पावर तक के पंप उपयोग करने वाले 32 लाख किसानों को बिजली बिल पर 93% सब्सिडी मिल रही है। ‘एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत 5,000 करोड़ रूपये से अधिक के प्रोजेक्ट स्वीकृत कर मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। पशुपालकों को पशु उपचार की घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराते हुए 400 से अधिक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां संचालित है।

किसानों को ब्याज रहित लगभग 4 लाख करोड़ का फसली ऋण दिया गया है। यह आगे भी किसानों को मिलता रहेगा। बीज, फर्टिलाइज़र, मशीनरी आदि को सस्ते दाम में उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किया जायेगा। इसके अलावा 5,000 नए कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करके किसानों को सस्ते दाम में कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे।

कृषि के लिए निरंतर बिजली आपूर्ति की जायेगी। वर्ष 2003 में सिंचाई क्षमता 7.6 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 2023 तक 47 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जायेगा। हम 4 लाख हेक्टेयर तक की उपजाऊ भूमि में सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं को जल्दी पूरा किया जायेगा। प्रदेश के डार्क जोन क्षेत्रों में बोरवेल, पुनरुद्वार के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाई जायेगी और इस क्षेत्र में 500 करोड़ रूपये का निवेश होगा। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के कनेक्शन दिये जायेंगे।

सरसों उत्पादन प्रोत्साहित करते हुए देश के अग्रणी सरसों उत्पादक प्रदेशों में मध्यप्रदेश को शामिल किया जायेगा। इसके लिये सरसों उत्पादक जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में सरसों खरीद केंद्र स्थापित किये जायेंगे। सरसों-के लिये किसान उत्पादक संगठन स्थापित किया जायेगा और उन्हें सहकारी तेल मिल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत शिक्षित युवाओं को पशुपालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए 10 लाख रूपये तक का लोन दिया जायेगा। पशुओं की बीमारी के इलाज एवं पशुओं की मृत्यु होने पर किसानों को वित्तीय सहायता दी जायेगी। पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत सभी दुधारू एवं अन्य पशुओं के लिए मुफ्त बीमा एवं उनके रोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था की जायेगी। किसानों की सुविधा के लिए पशु चिकित्सालय स्थापित किये जायेंगे । बीमार एवं सड़क हादसों में घायल पशुओं के उपचार के लिये पशु एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाई जायेगी। अगले 5 वर्षों में प्रत्येक जिले में एक गौवंश विहार स्थापित किया जायेगा। पशु एवं पोल्ट्री चारा निर्माण यूनिट स्थापित की जायेगी जिससे किसानों को उचित मूल्य पर चारा मिल सके। इसके लिये मध्यप्रदेश पोल्ट्री विकास मिशन शुरू किया जायेगा।

भोपाल में एक्वा पार्क का निर्माण किया जायेगा। बालाघाट, मंडला, शहडोल, छतरपुर एवं इंदौर में मछली बीज हैचरी यूनिट्स की संख्या बढ़ाई जायेगी। रेशम उत्पादन एवं मधुमक्खी को बढवा देने के लिये मदद दी जायेगी। किसानों को मधुमक्खी पालन एवं शहद मधुमक्खियों के डिब्बे एवं टूलकिट दिये जायेंगे।

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