अनोखा तीर, खिरकिया। श्री पंचवटी मुक्ति धाम खिरकिया में श्री गरुड़ महापुराण में आज छटवे दिन व्यास पीठ से पंडित अनिल शास्त्री ने कहा कि मनुष्य के जीवन में किन-किन अशुभ कर्मों को करने से मनुष्य को कौन-कौन नरकों में यातना भोगना पड़ता है। रौरव एवं कुंभीपाक ऐसे अनेक नरकों का विवरण विस्तारपूर्वक बताया। दान किसे देना चाहिए और किसे नहीं देना चाहिए। दान सिर्फ वेदपाठी ब्राह्मण को देने का महत्व बताया। गरुड़ पुराण में ब्राह्मण के कौन से 6 कर्म होते हैं। दान लेना और दान देना। यज्ञ करना और यज्ञ करना, वेद पढ़ना और वेद पढ़ना। अंतिम समय में शव के क्या-क्या संस्कार हैं। भूमि पर शयन क्यों करते हैं। कुषा का महत्व क्या है। काली तिल का महत्व क्या है। तुलसी गंगा और गीता का क्या महत्व है। पाप कर्मों से जीव कहां-कहां भटक कर कौन-कौन सी योनि में जाता है। आज कथा के अंतिम दिन छप्पन भोग एवं महाआरती का आयोजन रखा गया है। आयोजक पूनम चंद गुप्ता ने सभी धर्म प्रेमी जनता से कथा में पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।
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