अनोखा तीर, बैतूल। जिले में आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात भी एक युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। मरामझिरी सेक्शन के अंतर्गत आने वाले ट्रेक पर युवक का शव रात दो बजे से सुबह 10.30 बजे तक पड़ा रहा। सुबह पाढर चौकी के पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ऑटो एम्बुलेंस की मदद से शव को जिला अस्पताल लाया गया। शव करीब आठ घंटे तक ट्रेक के किनारे पड़ा रहा, लेकिन पुलिस और आरपीएफ ने उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए सुबह होने का इंतजार किया। हैरत की बात है कि इतना वक्त बीत जाने के बाद भी शव परिवहन के लिए कोई व्यवस्था रेलवे पुलिस नहीं कर पाया। अंतत: ऑटो एम्बुलेंस चालक नीलेश चौधरी को मृतक के परिचित ने कॉल किया और शव को जिला अस्पताल तक लाया गया। कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवक ने रात करीब 12 बजे अपने भाई को कॉल पर गाड़ी की लोकेशन बताकर कहा था, कि यहां से गाड़ी घर ले जाना। पंचनामा बनाने के बाद शव अस्पताल पहुंचाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात दो बजे आरपीएफ को रेलवे ट्रेक के पास एक शव की जानकारी मिली। सूचना मिलने के बाद आरपीएफ ने कोतवाली को इस संबंध में जानकारी दी। करीब 3 बजे सूचना मिलने के बाद भी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत पाढर चौकी से पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। आठ घंटे तक शव ट्रेक के किनारे ही पड़ा रहा। सुबह करीब 10 बजे पाढर पुलिस एवं आरपीएफ की मौजूदगी में पंचनामा बनाया गया। गेंदा चौक के ऑटो एम्बुलेंस चालक नीलेश चौधरी को मौके से कॉल पर सूचना दी गई। जिसके बाद 10.30 बजे मौके पर पहुंचे नीलेश चौधरी की ऑटो से शव को जिला अस्पताल लाया गया। 10.45 पर शव को अस्पताल लाया जा चुका था। इस दौरान परिजन भी मौजूद थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवक की पहचान सेलगांव निवासी सतीश पिता लक्ष्मणराव वराठे, 35 वर्ष के रुप में की गई है। पुलिस के मुताबिक युवक ने अपने भाई को रात में कॉल करके अपनी गाड़ी की लोकेशन बताकर कहा था, कि मौके से आकर गाड़ी घर ले जाना। इसके बाद से ही परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। इधर रामनवमीं पर शहर में सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस बल लगा हुआ था, जिसकी वजह से रात में शव को अस्पताल नहीं लाया गया। रात भर सतीश का शव ट्रेक के पास ही पड़ा रहा।
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