तिरंगे के अपमान में फिर घिरा नगर निगम प्रशासन

 

देवास। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा प्रत्येक भारतवासी के लिये सम्मान का, गौरव का प्रतीक है। तिरंगे की अपनी आचार संहिता एवं अधिनियम है। इसके अपमान पर सजा का प्रावधान भी है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन एक के बाद एक तिरंगे के अपमान में घिर रहा है। 10 फरवरी को शंकरगढ़ हिल फेस्टिवल में कचरे की बाल्टी में तिरंगे को अपमानित करने वाले दृश्य से शहर में निगम प्रशासन की खासी निंदा की गयी थी। यहां तक कि प्रेसजगत ही नहीं, अधिवक्तागण, कांग्रेस, नेता प्रतिपक्ष सहित टीम आजाद सावरकर समिति द्वारा पुलिस को आवेदन सांैपकर आयोजकों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की गयी थी। विगत दिवस औद्योगिक थाना पुलिस द्वारा इस मामले में लीपापोती की मंशा से, जिम्मेदारों को बचाते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन शंकरगढ़ हिल फेस्टिवल के बाद तिरंगे के अपमान को लेकर निगम प्रशासन एक बार फिर घिर गया है। इन्दौर रोड़ पर स्थित निगम के श्रीमंत तुकोजीराव पवार इन्डस्ट्रियल पार्क में फटा हुआ तिरंगा लहराते हुए पाया गया। प्रत्यक्षदर्शी सुत्रों से मिली जानकारी के पश्चात मौके पर जाकर देखा गया तो इन्डस्ट्रियल पार्क में फटा हुआ तिरंगा लहरा रहा था। इसकी सुचना निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को दी गयी। चार बार फोन करने के उपरांत निगमायुक्त द्वारा देविप्रा के कर्मचारी शुक्ला को भेजा, जिन्होने फ्लेग स्टेंड पर लगी मोटर को आन कर फटे हुए झंडे को उतारा एवं प्रेस क्लब अध्यक्ष अतुल बागलीकर एवं जन सामान्य की उपस्थिति में सम्मान पूर्वक ध्वज को लपेटकर ले गये। इन्डस्ट्रियल पार्क में तिरंगे के अपमान को लेकर निगम प्रशासन की शिकायत औद्योगिक क्षैत्र पुलिस थाने पर साक्ष्य सहित की गयी है। जिसमे दोषी अधिकारी के विरूद्ध राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की गयी है।

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