अनोखा तीर, नसरुल्लागंज। बीते 40 दिनों में गेहूं के दामों में 960 रुपए की गिरावट दर्ज की गई है। 40 दिन पहले जो गेहूं 2 हजार 911 रुपए के भाव बिक रहा था, वहीं सोमवार को 1 हजार 950 पर आ गिरा। जिससे एक बार फिर समर्थन मूल्य पर गेहूं तुलाने किसानों का रूझान बढऩे की संभावना जताई जा रही है। दूसरी और गेहंू का पंजीयन कराने के लिए किसानों की भीड़ पंजीयन केंद्रों पर बीते एक सप्ताह से देखने को मिल रही है। जिससे उम्मीद लग रही हैं कि किसान खुले बाजार में अपना गेहूं बेचने की बजाय ई-उपार्जन केंद्रों पर गेहूं बेचेगा। किसानों का मानना हैं कि नए गेहूं की आवक जैसे ही बढ़ेगी, मंडी में गेहूं के दामों में और कटौती होगी। जनवरी के पहले सप्ताह में कृषि उपज मंडी में गेहूं के भाव 2 हजार 500 से 2 हजार 900 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। मिल क्वालिटी का गेहूं भी सरकार द्वारा निर्धारित किये गए समर्थन मूल्य की राशि से अधिक बिक रहा था। लेकिन सरकार के द्वारा अचानक ही गोदामों में भंडारित गेहूं प्रायवेट संस्थाओं को विक्रय किये जाने के बाद अचानक ही बाजार में गेहूं के दामों में गिरावट आने लगी। दूसरी और गेहूं के दाम जनवरी माह में बढऩे के बाद खुले बाजार में आटे के दामों में भी वृद्धि हुई थी। लेकिन अब बाजार में गिरावट दर्ज होने से किसानों को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अन्य देशों में गेहूं की मांग बढऩे के बाद भारत से गेहूं का निर्यात भारी मात्रा में किया गया था। जिससे पिछले साल मंडियों में समर्थन मूल्य से अधिक भाव पर गेहूं बेचा गया था। ऐसे में सरकार के पास गेहूं का स्टॉक कम था तो सरकार ने भी व्यापारियों को ऊंचे दामों पर गेहूं की खरीदी करने दी। लेकिन जैसे ही गेहूं के दाम लगातार बढ़ते रहे तो केंद्र सरकार ने गोदामों में भंडारित गेहूं को बाजार में बेच दिया। ऐसे में गेहूं के दामों में अचानक ही गिरावट आ गई।
स्टॉक लिमिट लगी तो और गिरेंगे गेहूं के दाम
जिस तरह से बाजार में लगातार गेहूं के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है, उसके मुताबिक यदि सरकार स्टॉक लिमिट तय करती हैं तो गेहूं के दाम और गिरने की संभावना है। नगर के ग्रेन मर्चेंट ऐसोसिएशन के सचिव अजय अग्रवाल के मुताबिक सरकार से नए गेहूं की आवक शुरू होने के बाद स्टॉक लिमिट फिक्स करने का विचार चल रहा है। यदि ऐसा होता हैं तो व्यापारी अधिक गेहूं का भंडारण नहीं कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में ज्यादा आवक व कम खरीदी होने की स्थिति बनेगी, जिससे गेहूं के दामों में गिरावट आ जाएगी। इस बार समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए सरकार ने तय किये है और वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लगता हैं कि इसी के आसपास मंडी में गेहूं खुले बाजार बिकेगा।
मंडी में नीलाम हुआ 13 हजार क्विंटल नया गेहूं
मंडी सचिव अतुल कुमार राठौड़ के मुताबिक मंडी में नए गेहूं की आवक शुरु हो चुकी है। अभी तक 13 हजार क्विंटल से अधिक नया गेहूं व्यापारियों के द्वारा खरीदा जा चुका है। हालांकि बीते एक माह के दौरान लगातार गेहूं के दामों में कमी देखने को मिल रही है। सोमवार को लगभग 10 हजार क्विंटल से अधिक की आवक गेहूं सहित अन्य जिंसो की रही। अभी आवक बढऩे की संभावना बनी हुई है। मंडी सचिव के मुताबिक जब तक ई-उपार्जन केंद्रों पर सरकार की खरीदी शुरू नहीं होती तब तक मंडी में आवक बनी रहेगी।
5 मार्च तक होंगे पंजीयन – 1 हजार किसानों को कराना है पंजीयन
समर्थन मूल्य पर अपनी उपज तुलाने से कोई किसान वंचित ना रह जाए, इसके लिए सरकार द्वारा पंजीयन की तिथियों में बढ़ोत्तरी कर दी है। जहां सरकार द्वारा मसूर व चने के लिए पंजीयन कराने की तारीख पूर्व में ही बढ़ा दी थी, वहीं सोमवार को गेहूं पंजीयन की तिथि में भी बढ़ोत्तरी करते हुए 5 मार्च तय कर दी है। ऐसे में पंजीयन कराने से वंचित रह गए हजारों किसानों को फायदा होगा। खाद्य विभाग के मुताबिक इस वर्ष 27 फरवरी तक 15 हजार 640 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिसमें गेहूं के 12 हजार 805 व चने के 5 हजार 940 किसान शामिल हैं। जबकि पिछले वर्ष कुल 16 हजार 967 किसानों ने पंजीयन कराया था। जिसमें गेहूं के 14 हजार 426 व चने के लिए 6 हजार 118 पंजीकृत किसान थे।
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