डीईओ साहब की शिक्षा विभाग के प्रति कितनी जिम्मेदारी यह उनकी हसी ने किया बया
विकास पवार बड़वाह – पात्रता परीक्षा में फेल शिक्षक सीएम राइस विद्यालय (शासकीय कन्या शाला बड़वाह) में अंगद के पैर की तरह जमे हुए हैं। बीते दिनों अखबार में खबर प्रकाशन में खुलासा करने के बावजूद अब तक जिम्मेदार शिक्षा विभाग के अधिकारी नही जागे ? न तो फेल शिक्षकों को विद्यालय से रिलीव किया गया, और न ही इस ओर विभाग द्वारा इन शिक्षकों के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया।आज भी शिक्षको के स्थांतरण का मामला जस का तस दिखाई दे रहा है।हालाकि इस मामले में प्राचार्य हंसा कानूडे ने कहा की समाचार प्रकाशित होने के बाद डीईओ साहब द्वारा इस संबंध में समस्त दस्तावेज दोबारा बुलाए गए थे ।जो मेरे द्वारा भेजे गए लेकिन अभी तक इस मामले में कोई आदेश नहीं मिला है । उल्लेखनीय है कि सीएम राइस विघालय बड़वाह में करीब 11 शिक्षकों के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में तबादले हुए है । इनमें 6 शिक्षक संजय कुमार भावसार,बिशन सिंह खेडेकर,ज्योति शर्मा, दीपिका यादव,प्रीतिमा गंगराडे,शेष नारायण डोंगरे आदेश का पालन कर रिलीव हो चुके है । जबकि एक शिक्षिका नीति देेेशवाली तकनीकी त्रुटि के कारण अपने ही स्थान पर यथावत रही। वह चार शिक्षक परेश विजयवर्गीय,सुनीता शर्मा,कल्पना पाठक,अनीता डाबर का वर्षों से इसी स्कूल में जमे होने के बाद भी मोह खत्म नहीं हुआ। यहां तक कि यह शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में जाकर खुदको अपने ही स्थान पर बनाए रखने के फिराक में है । जबकि इस मामले में विद्यालय की प्राचार्य हंसा कानूड़े की भूमिका भी संदेह के कटघरे में दिखाई दे रही है। जो सीएम राइस परीक्षा में फेल इन शिक्षकों को शासन के आदेश अनुसार रिलीव करने की बजाय अपने वरिष्ठ अधिकारी को पत्राचार कर मार्गदर्शन की मांग कर रही है। ताकि फेल शिक्षक उनके ही विद्यालय में डटे रहे। जो अपनी सुविधानुसार सेवाएं देते रहें। बताया जाता है कि इन ट्रांसफर हुए फेल शिक्षकों में उनके पसंदीदा शिक्षक भी शामिल हैं। जिनका ट्रांसफर हुआ है। और इनके जाने से विद्यालय का चल रहा मैनेजमेंट सिस्टम गड़बड़ा सकता है। यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि श्रीमती कानूड़े स्कूल प्राचार्य है,लेकिन इनके पीछे मास्टरमाइंड फेल शिक्षक के पूरे गणित बताए जाते हैं। विद्यालय की सुई से लेकर शासन के नवीन प्रोजेक्ट सीएम राइस भवन के लिए जमीन तक का डिसीजन करने में प्राचार्य की क्या भूमिका रहेगी..? इनके प्रबंध बताए जाते हैं।
शिक्षक के बताए अनुसार स्कूल में हुआ ट्रांसफर—–
बतादे कि इस मामले में बकायदा सीएम राइस विघालय में पढ़ाने हेतु शासन स्तर पर इन शिक्षक और शिक्षिकाओ की परीक्षाएं भी आयोजित हुई थी। जिसमें फेल हुए शिक्षकों के तबादले निर्धारित किए गए। तबादलों के पूर्व उन्हें अपनी पसंद का स्कूल स्थान चुनने का विकल्प भी दिया गया । जिसके बाद शिक्षकों ने अपना मनचाहे तीन स्कूल चुने और उन स्थानों के नाम दिए थे ।जिसमे से ही किसी एक स्कूल में इनका ट्रांसफर हुआ। इसके बावजूद इन शिक्षकों द्वारा शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए आज भी अपने पुराने स्कूल में जमे हुए दिखाई दे रहे है।
विगत कई सालों से एक ही स्कूल में है पदस्थ——
कार्यमुक्त नहीं हुए यह चारों शिक्षक एक ही स्कूल में विगत कई सालों से पदस्थ हैं। स्कूल से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक विजयवर्गीय की पदस्थापना सन 13.7.1998,शिक्षिका अनीता डाबर की सन 22.7.1997,शिक्षिका कल्पना पाठक की सन 1.2.1995 और शिक्षिका सुनीता शर्मा सन 15.2.16 की है। साथ ही इन शिक्षकों को शहर के ही बच्चों को पढ़ाने की आदत-सी हो गई है। तबादला होने के बाद भी अब इन्हें ग्रामीण स्कूल के बच्चों को शिक्षा देने में रुचि नही दिखाई दे रही । इन्होंने शिक्षा विभाग में अपने सेवाकाल का कम समय होने का हवाला देकर मोहलत हेतू न्यायालय में याचिका दायर की गई है।
इनका कहना है – डीईओ महेंद्र वडनेकर
प्रतिनिधि द्वारा डीईओ से शिक्षको के स्थांतरण नही होने के सवाल पर हसीं के फुआरे छोडे, उसके बाद कुछ देर खामोश रहकर कहा की में अभी कार चला रहा हु ।थोड़ी देर में कॉल करता हु ।
Views Today: 2
Total Views: 50