निजी मकान में लग रहा शासकीय विद्यालय

ऋषभ मीणा लोहारदा। एक तरफ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार बच्चों को उच्च शिक्षा देने की बात करती नजर आती है वहीं दूसरी ओर विद्यालय भवन ना होने के कारण अव्यवस्थाओं के बीच छोटे-छोटे बच्चे निजी मकान में पड़ रहे हैं ‌ ‌।

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोहारदा संकुल के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में से एक शासकीय प्राथमिक शाला लाल पठार लेहकी ऐसी शाला है जहां आज भी नन्हे मुन्ने बच्चों को शासकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। प्रथम दृष्टया किसी का घर दिखाई देने जैसे मकान में स्कूल पिछले कई सालों से संचालित हो रहा है, परंतु अभी तक वहां कि सुध लेने को कोई भी जिम्मेदार अधिकारी तैयार नहीं है। प्राथमिक विद्यालय लाल पठार का प्रभार देख रहे शिक्षक सौरभ भूतड़ा से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि कई बार हम बीआरसी कार्यालय, संकुल कार्यालय एवं उच्च अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित रूप से अवगत करवा चूके हैं परंतु अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी काम यहां शुरू नहीं हो पाया है। वहीं भवन मालिक ने बताया कि पिछले नौ साल से मेरे निजी मकान में स्कूल लग रहा है जिसका कोई भी किराया या भत्ता मुझे नहीं दिया जा रहा है, शासकीय भवन न होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए मैंने अपने मकान में स्कूल लगाने की अनुमति दी थी। परंतु यहां कि स्थिति देखकर लगता है कि शासन द्वारा निजी मकान को ही शासकीय समझ लिया गया है क्योंकि शासन द्वारा स्कूल भवन तैयार करने के कोई प्रयास दिखाई नहीं देते।
निजी मकान में लग रहे स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए कोई मैदान नहीं है, जहां एक ओर शासन द्वारा बच्चों को खेल के प्रति जागरूक करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर खेल सामग्री विद्यालयो में उपलब्ध कराई जा रही है वहीं दूसरी ओर लाल पठार स्कूल के पास ना ही अपना भवन है और ना ही खेल मैदान।

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी

शासन को बीआरसी कार्यालय से प्रस्ताव भेज चुके हैं, जो कि शासन स्तर पर लंबित है जैसे ही शासन से कोई भी आदेश प्राप्त होगा वैसे ही आगामी व्यवस्थाएं की जावेगी – राम बागड़ी बीआरसी कन्नौद

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