गणेश पांडे, भोपाल। 1991 बैच के रसूखदार आईएएस अधिकारी के निर्माणाधीन शॉपिंग कांपलेक्स की चर्चा प्रशासनिक और राजनीतिक वीथिकाओं में सुर्खियों में है. सूत्रों ने बताया कि शॉपिंग कांपलेक्स की सुंदरता बनाए रखने के लिए राजधानी परियोजना वन मंडल इकाई ने भी उदारता बरती है. इस इकाई ने कांपलेक्स के लिए अपने अधिपत्य की भूमि (खसरा नंबर 8) देने की मंशा से सीमा पर लगे सीमेंट पोल हटाकर फेंसिंग करा दी है.
बताया जाता है कि कांप्लेक्स से लगी हुई राजधानी परियोजना वन मंडल की अधिपत्य वाली खसरा नंबर 8 की सरकारी भूमि की करीब 4000 वर्ग फिट जमीन पर कब्जा हो गया है. मंत्रालय में पदस्थ नौकरशाह का शॉपिंग कांपलेक्स गुलमोहर टेकरी बावड़िया कला में बन रहा है. अभी तक गुपचुप तरीके से कांपलेक्स बन रहा था किंतु पिछले कुछ महीनों से प्रमुख सचिव के विरोधी सक्रिय हो गए हैं. उनके खिलाफ शिकवे-शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है. बताया जाता है कि कांपलेक्स के निर्माण में शासकीय मशीनरी का भी उपयोग किया गया है. पीएस के घूमने के लिए ट्रेक भी बनाए है. बताया जाता है कि मंत्रालय से छूटने के बाद पीएस अक्षर कंपलेक्स पहुंचते हैं और ट्रेक पर इवनिंग वाक भी करते हैं.
मंत्री से नहीं बैठ पा रही है पटरी
शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रमुख सचिव के बीच पटरी भी नहीं बैठ रही है. खासकर जब अधिकारियों की पदस्थापनाओं को लेकर उनके बीच मतभेद की चर्चा मंत्रालय से लेकर मैदानी अमले के बीच हो रही है. दिलचस्प पहलू यह है कि पहली बार विभाग अध्यक्ष भी प्रमुख सचिव के इशारे पर काम कर रहे हैं. यानी प्रमुख सचिव का विभाग में हस्तक्षेप पूर्व में स्थापित परंपरा से अधिक होने लगा है. यह बात मंत्री स्वयं भी सरकार कर रहे है, क्योंकि इसके पहले भी वह इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. पूर्व में विभागीय मंत्री और विभागाध्यक्ष के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला है. प्रमुख सचिव द्वारा विभागीय मंत्री के एक्शन प्लान में खामियां बताकर उनके क्रियान्वयन पर रोक लगाए जाने से मंत्री बेहद दुखी है. अब वे प्रमुख सचिव के स्थानांतरण का इंतजार कर रहे हैं.
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