पर्यावरण संरक्षण की मिसाल___अक्षत, आश्रय ने बनाए मिट्टी के गणेश, घर पर ही किया विसर्जन

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अनोखा तीर, हरदा।  गणेश उत्सव में जहां अधिकांश लोग बाजार से बनी प्रतिमाएं लाकर बड़े-बड़े पंडालों में गणेश जी की स्थापना करते हैं, वहीं खेड़ीपुरा के दो सगे भाई अक्षत और आश्रय ने इस बार अलग और सराहनीय पहल की। दोनों ने अपने ही हाथों से शुद्ध मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई और श्रद्धा के साथ घर में ही उनकी स्थापना की। पूरे दस दिनों तक घर के वातावरण में भक्ति और उत्साह का संचार बना रहा। प्रतिदिन पूजा, आरती और परिवार के साथ भजन-कीर्तन होते रहे। दसवें दिन विधि-विधान से परिवारजनों की उपस्थिति में घर पर ही प्रतिमा का विसर्जन किया गया। भाईयों का मानना है कि मिट्टी के गणेश बनाने और घर में विसर्जन करने से प्रकृति को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचता। नदियों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। यही कारण है कि उन्होंने यह कदम उठाकर समाज के सामने एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। स्थानीय लोगों ने भी अक्षत और आश्रय की इस पहल की सराहना की और कहा कि आने वाले समय में यदि हर परिवार इसी तरह मिट्टी के गणेश का निर्माण कर घर में ही विसर्जन करे तो पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है।

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