-अजनाल नदी तट पर कुंड में हुआ प्रतिमाओं का विसर्जन
अनोखा तीर, हरदा। गणेश चतुर्थी के समापन पर शनिवार को हरदा में गणपति बप्पा को विदाई दी गई। सुबह से ही घरों और सार्वजनिक पांडालों में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया, जो देर रात तक चलता रहेगा। इस बार प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों की बजाय अजनाल नदी के तट पर बनाए गए विशेष कुंड में किया गया। नगर पालिका ने अजनाल नदी के किनारे बनाए विसर्जन कुंड में नर्मदा नदी का जल भरा था। जिसमें गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। यह पहल नदियों को प्रदूषण से बचाने और पीओपी एवं केमिकल युक्त प्रतिमाओं को सीधे नदी में विसर्जित होने से रोकने के उद्देश्य से की गई। श्रद्धालु भी इस पहल में सहयोग करते नजर आए।
बप्पा के जयकारों से गूंजा शहर
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ.. के जयकारों के साथ श्रद्धालु झूमते-गाते हुए विसर्जन कुंड तक पहुंचे। गाजे-बाजे, ढोल-ताशों, गुलाल और पुष्पवर्षा के साथ गणेश प्रतिमाओं की विदाई पूरे भक्ति भाव से की गई। पंडालों से लेकर घरों तक, हर स्थान पर पूजा-अर्चना कर श्रद्धालु अपने विघ्नहर्ता को विदा करने पहुंचे।
प्रमुख मार्गों पर निकली विसर्जन झांकियां
शहर के विभिन्न स्थानों से झांकियां और शोभायात्राएं निकाली गईं, जिनमें युवक-युवतियां ढोल की थाप पर नाचते हुए शामिल हुए। प्रमुख मार्गों पर श्रद्धालुओं ने बप्पा की विदाई के लिए फूल बिछाकर स्वागत किया। विसर्जन यात्रा में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। गणेश विसर्जन को लेकर नगर पालिका और पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी की। विसर्जन कुंड पर होमगार्ड के जवानों की मौजूदगी रही, जो श्रद्धालुओं से प्रतिमाएं लेकर कुंड में विधिपूर्वक विसर्जित करवा रहे थे। सुरक्षा के साथ-साथ व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही।
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