बस का वीएलटीडी जीपीएस डिवाइस का एजेंट ने रिनुअल नहीं करने पर हुआ विवाद,दोनों पक्षों पर दर्ज हुआ मामला
अनोखा तीर नर्मदापुरम। मुख्यालय पर आईटीआई रोड पर आरटीओ कार्यालय के बाहर सड़क किनारे रखे टपों पर एजेंटों द्वारा आरटीओ से संबंधित ऑनलाइन कारोबार किया जाता है। यहीं पर आरटीओ से संबंधित ऑनलाइन का काम करने वाले एजेंट अंकित सैनी द्वारा सैनी ऑनलाइन के नाम से टप संचालित किया जाता है।जहां पर वीएलटीडी डिवाइस, पैनिक बटन, एचएसआरपी प्लेट का ऑनलाइन काम होता है। यहां पर गुरुवार दोपहर शिवहरे बस सर्विस के संचालक पुत्र प्रफुल्ल शिवहरे और एजेंट अंकित सैनी के बीच बस में लगे वीएलटीडी जीपीएस डिवाइस का रिनुअल नहीं किए जाने पर विवाद हुआ।जिसके बाद दोनों ही पक्षों ने देहात थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों ही पक्षों का मेडिकल भी कराया। घटना को लेकर शिवहरे बस ट्रेवल्स के प्रफुल्ल शिवहरे ने बताया कि आरटीओ कार्यालय के बाहर वीएलटीडी जीपीएस डिवाइस का एजेंट अंकित सैनी द्वारा गत वर्ष हमारी बस में डिवाइस लगाई गई थी हमने 12 मार्च को डिवाइस को रिन्यूअल कराने के लिए अंकित सैनी को ₹5000 दे दिए थे,उसके बाद भी वह रिन्यूअल नहीं कर रहा था। बाद में हमें पता चला कि हमारी बस में लगी डिवाइस का उपयोग एक अन्य वाहन भी हुआ है। आज हमने उससे कहा कि हमारे पैसे वापस दे दो और किसी एक वहां पर डिवाइस चालू करो तो वह गाली गलौज कर मारपीट पर उतारू हो गया। जिससे मुझे चोट आई और मैं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकित सैनी द्वारा डिवाइस में धोखाधड़ी की गई है उसकी भी शिकायत की है। दूसरी तरफ अंकित सैनी द्वारा देहात थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसके द्वारा संजय शिवहरे को वीएलटीडी डिवाइस 2023 में बेची गई थी। जिसमें कुछ तकनीकी खराबी होने की बात को लेकर दोपहर में संजय शिवहरे ,प्रफुल्ल शिवहरे दुकान पर आए और डिवाइस के पैसे मांगने लगे। मेरे द्वारा कहा गया कि डिवाइस वापस दे दो, कंपनी से सुधरवा कर दे दूंगा। इसके बाद गाली गलौज कर मारपीट करने लगे। जिससे मुझे चोट लगी। मामले को लेकर देहात थाना प्रभारी प्रवीण चौहान ने बताया कि बस की डिवाइस को लेकर विवाद हुआ है, दोनों ही पक्षों पर मामला कायम किया गया है। आरटीओ निशा चौहान ने बताया कि डिवाइस विवाद या तकनीकी खामी का मामला हमसे जुड़ा हुआ नहीं है। जिसमें आरटीओ का कोई लेना-देना नहीं होता। वीएलटीडी रिन्यूअल कंपनी करती है, जिसमें आरटीओ के हस्ताक्षर नहीं होते हैं। यह गलत बोला जा रहा है कि आरटीओ की आईडी बंद है, इस विषय का आईडी से कोई लेना-देना नहीं है। आरटीओ में काम निरंतर जारी है।
Views Today: 16
Total Views: 16