मौसम जब तक स्थिर नहीं होता बच्चों का रखें विशेष ख्याल

स्वास्थ्य की बात…
 बार-बार बदलते मौसम से सर्दी-खांसी औैर बुखार के मरीजों की बढ़ी संख्या
लोकेश जाट, हरदा। जिले का मौसम बार-बार बदल रहा है। कभी तेज गर्मी तो कभी सुबह-रात में तेज ठंड है। इसका असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। बार-बार मौसम के बदलने के कारण बच्चों में शुरुआत में सर्दी-खांसी और बुखार आ रहा है। ध्यान नहीं देने पर निमोनिया में बदल रहा है। बच्चों की श्वास नली सिकुड़ने से कफ जम रहा है। इससे निमोनिया के मरीज बढ़े हैं। जिला अस्पताल में डॉक्टर्स को दिखाने आ रहे मरीजों में 65 प्रतिशत से अधिक मरीज सर्दी-खांसी और बुखार के हैं। वहीं प्राइवेट डॉक्टर्स के क्लीनिक पर भी बच्चों की भीड़ नजर आ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी पिछले चार-पांच दिनों से 500 से बढ़कर 650 मरीजों पर पहुंच गई है। जबकि सामान्य दिनों में ओपीडी 400 के आसपास रहती है। बड़े मरीजों में सर्दी, कफ वाली खांसी और बुखार आ रहा है। उनके गले में दर्द हो रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सनी जुनेजा ने बताया कि बार-बार मौसम में बदलाव के कारण वर्तमान समय में बच्चों में कफ वाली खांसी के बाद निमोनिया के केस बढ़ रहे हैं। बच्चों में वायरल निमोनिया हो रहा है, इसे ब्रोंक्योलाइटिस कहते हैं। यह रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) है, जो छोटे बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी का एक प्रमुख कारण है। यह एक संक्रामक रोग भी है, जो एक से दूसरे में फैलता है। शुरुआत में हल्की सर्दी-खांसी होती है, ध्यान नहीं देने पर वायरल निमोनिया हो जाता है। ऐसे में बच्चों को भर्ती भी करना पड़ रहा है। इस तरह बच्चों को ठीक होने में 8 से 10 दिन तक लग रहे हैं। मौसम के बदलने से वायरल के केस बढ़े है। ऐसे में छोटे बच्चों को सुबह और शाम के बाद बाहर निकालते समय सावधानी रखें। उन्हें कपड़ों से ढंककर रखें, शादी-पार्टी के खाने से बचाएं, किसी बड़े व्यक्ति को सर्दी-खांसी है तो उससे दूर रखें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। सर्दी, खांसी, जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
ओपीडी में आने वाले 10 प्रतिशत बच्चे निमोनिया की चपेट में
जिला अस्पताल की ओपीडी में आम दिनों में 55-60 बच्चे आते हैं, लेकिन मौसम के बदलने से बच्चों की ओपीडी 100 के लगभग पहुंच गई है। इनमें अधिकांश बच्चे सर्दी-खांसी और बुखार के हैं। ध्यान नहीं देने पर श्वास नली के सिकुड़ने से बच्चों में निमोनिया के केस बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन 9 से 10 बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। संक्रामक रोग होने से बच्चे इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। मौसम बदलाव के कारण बच्चों में डायरिया और उल्टी के मामले बढ़े हैं। डायरिया से पीड़ित बच्चों को ठीक होने में 3 से 4 दिन लग रहे हैं। गर्मी के कारण परिजन बच्चों में खानपान का विशेष ध्यान रखें। थोड़ी सी लापरवाही के चलते बच्चों में डायरिया और उल्टी की शिकायत देखने को मिल रही है। पानी हमेशा उबालकर ठंडा कर ही बच्चों को पिलाएं और ओआरएस घोल का भी दिन में चार-पांच बार उपयोग करें।
डॉक्टर की सलाह
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सनी जुनेजा से इस मौमस में बच्चों को वाइरल से बचाव की सलाह देते हुए बताया कि लगातार बदलते मौसम के कारण वायरल फैल रहा है जिसमें सर्दी-खासी, बुुखार के बाद निमोनिया के मरीज ज्यादा सामने आ रहे है। बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है। जब तक मौसम स्थिर ना हो जाए बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस समय बच्चों को ज्यादा भीड़ वाली जगह ले जाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वायरल इंफेक्शन है जो जल्दी फैलता है। साथ ही खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें। सर्दी, जुखाम, खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए। अभी मौसम ऐसा नहीं हुआ है कि बच्चों को आईस्क्रीम या ठंडे पदार्थ दिए जाए। इस तरह के ठंडे पेय पदाथों से दूरी बनाए रखे।

 

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