सशक्त,स्वाभिमानी और विकसित बनता मध्य प्रदेश

   पवन वर्मा

         मध्य प्रदेश को भारत के हृदय स्थल के रुप में गौरव और गरिमा प्राप्त है। देश की इस हृदय स्थली की जब से डॉ.मोहन यादव ने बागडोर संभाली है, तबसे वे निरंतर प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं, सोच और संकल्पों को जमीन पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।

           डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश मोदी युग की भावना ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को भी साकार कर रहा है। मुख्यमंत्री के रुप में डॉ. यादव प्रधानमंत्री मोदी की नीति-शैली के एक प्रभावी प्रतिनिधि बन चुके हैं। उनकी कार्यप्रणाली में स्पष्टता, संवाद, सेवा और समर्पण की वही झलक मिलती है जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम राष्ट्रीय स्तर पर देखते हैं।

         मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. यादव ने स्पष्ट किया था कि मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर, सशक्त और नागरिक-केन्द्रित प्रशासन की आवश्यकता है। उन्होंने ‘विकसित मध्य प्रदेश’ का जो सपना देखा है, वह ‘विकसित भारत 2047’ की नींव में एक मजबूत ईंट के समान है।

*सबके लिए सड़क

डॉ. मोहन यादव के शासन में प्रदेश में सड़क निर्माण और मरम्मत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। ग्रामीण अंचलों में नई सड़कें, शहरों में फ्लाईओवर और एक्सप्रेस-वे ने मध्य प्रदेश को चारों दिशाओं से जोडऩे का कार्य किया। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत कई परियोजनाएं तेजी से पूरी की गईं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत हजारों किलोमीटर की सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनाई गई है।

मप्र में अब बड़े शहरों के साथ हर छोटे शहर में भी रिंग रोड बनाई जाएगी। यदि किसी शहर के एक हिस्से में ही हाईवे या बायपास बना हुआ है तो उस शहर के बाकी हिस्से की सड़कों को दो लेन बनाकर जोड़ा जाएगा। गांव से हाईवे तक आने वाली छोटी और सिंगल लेन सड़कों को डबल करके हाईवे से जोड़ा जाएगा। यह कार्य लोक निर्माण विभाग करेगा।

अब तक मप्र के करीब 25 शहरों का प्राथमिक सर्वे हो चुका है। इसमें छोटी सड़कों को आपस में जोड़कर दो लेन करके हाइवे से जोड़ा जाएगा।

जानकारी के अनुसार, इससे करीब 800 किमी सड़कें दो लेन होकर बायपास से जुड़ जाएंगी। मंशा यह है कि सभी गांव की कनेक्टिविटी हाइवे तक हो जाए और लोगों को लंबा चक्कर लगाकर नहीं जाना पड़े। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई सिंगन लेन सड़कों को डबल लेन बनाया जाएगा। नर्मदापुरम शहर में बुधनी के बाद नर्मदा नदी से इटारसी तक करीब 26 किमी बायपास बना हुआ है। करीब 11 किमी दो लेन सड़क दूसरे हिस्से में बनाई जाएगी। इसे एक तरफ रेलवे ब्रिज तक जोड़ा जाएगा। इससे इस शहर की रिंग रोड तैयार हो जाएगी। इस दौरान 9 प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क भी इसमें शामिल हो जाएगी।

सीहोर के रफीकगंज से टोल नाके तक करीब 16 किमी लंबा बायपास बना हआ है। अब रफीकगंज से शिवपुरी, जमुनिया कला होते हुए वापस टोल नाके तक लगभग 23 किमी लंबी दो लेन सड़क बनाकर शहर को रिंग रोड से कवर किया जएगा। इस नई दो लेन सड़क में 10 गांव की प्रधानमंत्री सड़क जुड़ जाएगी।

नागदा शहर के पास से हाइवे गया है। अब इस शहर को पूरी तरह से रिंग रोड से कवर करने के लिए कुल 34 किमी लंबी सड़क बनाने की तैयारी है। इसमें डबरी से बुरानाबाद, पिरियाखेड़ी, खजूरिया, बनबान होते हुए वापस डबरी पर सड़क जुड़ेगी।

रेल भी

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ा है।

छोटे शहर भी हवाई यात्रा से जुडे- उज्जैन, रीवा, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों से नई उड़ानों की शुरुआत की गई। छोटे शहरों में एयर स्ट्रिप और हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है।

 मेक इन मध्यप्रदेश

 प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ की तर्ज पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी ‘मेक इन मध्य प्रदेश’ अभियान शुरू किया।

इसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर को उद्योग के हब के रुप में विकसित किया जा रहा है। डॉ. यादव के प्रयासों से इंदौर में इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और फार्मा क्षेत्र में बड़े निवेश आ चुके हैं। ग्वालियर और जबलपुर में एमएसएमई हब विकसित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया। जिसने जापान, जर्मनी, यूएस और सिंगापुर जैसे देशों के निवेशकों को आकर्षित किया।

राज्य में उद्योग मैत्री वातावरण को सुस्थापित किया जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं।

 शिक्षा और कौशल विकास

स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तरह आधुनिक बनाया जा रहा है। डिजिटल स्मार्ट कक्षाएँ, पुस्तकालय, खेल परिसर और लैब की सुविधा प्रदान की जा रही है। वहीं उज्जैन, भोपाल और रीवा में उच्च शिक्षा के लिए विशेष विश्वविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षकों की तनख्वाह बढ़ाने का बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की कि शैक्षणिक संवर्ग को चौथा समयमान वेतनमान दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। यह लाभ वित्त वर्ष 2025-26 से सभी पात्र शिक्षकों को मिलेगा। इससे प्रदेशभर के लगभग 1.50 लाख शैक्षणिक संवर्ग के कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

शोध को प्रोत्साहन देने हेतु नवाचार पुरस्कार और फंडिंग दी जा रही है।

 वहीं कौशल विकास मिशन के अंतर्गत मप्र स्किल डवलपमेंट मिशन को मजबूती दी गई है। उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं,जहां युवाओं के कौशल को विकसित करने के लिए अनेक पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं।। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी की ‘नई शिक्षा नीति’ और ‘डिजिटल भारत’ अभियान से पूरी तरह जुड़ी हुई है।

किसानों का कल्याण

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कृषि को ‘आजीविका नहीं, उद्योग’ के रूप में देखा। सिंचाई और जल प्रबंध सिंचाई परियोजनाएं जैसे कन्यादान सिंचाई योजना, पेयजल से सिंचाई योजनाओं को तेज़ी से लागू किया गया। माइक्रो इरिगेशन पर सब्सिडी दी जा रही है। ई-मंडी के माध्यम से कृषि विपणन किया जा रहा है।

किसानों को ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया। मंडियों में पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया।

प्राकृतिक आपदा के चलते फसलों को हानि पहुंचती है जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि झेलनी पड़ती है। किसानों को इससे राहत देने के लिए फसलों के फसल बीमा और अनुदान के मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावों का निपटारा तेजी से हुआ है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अतिरिक्त 4000 प्रति वर्ष की सहायता भी दी जा रही है।

नारी शक्ति को सुरक्षा और सम्मान

मोहन यादव की सरकार ने महिलाओं को केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस पहल की है। लाड़ली बहना योजना में गरीब और निम्न आय वर्ग की महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को सरकारी कार्यों में भागीदारी दी जाने लगी है। पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर और उन्हें उच्च पदों पर नियुक्त करने की भी योजना है।

 स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में लाखों मरीजों का निशुल्क इलाज हुआ है। इसके अलावा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों के लिए सहायता दी जा रही है। सभी मरीजों को सस्ती दवाइयां मिल सकें,इस उद्देश्य से सभी जिलों म़े जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

पर्यटन, संस्कृति और विरासत का संवर्धन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘भारत की सांस्कृतिक पहचान’ को पुनर्जीवित करने की सोच को आगे बढ़ाया है। उज्जैन में महाकाल लोक का भव्य निर्माण प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही हुआ। श्रीकृष्ण पाथेय, सांची, भीमबेटका, ओरछा जैसे स्थलों को वैश्विक मानचित्र पर लाया गया। धार्मिक पर्यटन को ईको-टूरिज्म से जोड़ा गया, जिससे स्थानीय रोजगार भी उत्पन्न हो रहा है।

युवाओं को रोजगार

मुख्यमंत्री यूथ इम्पॉवरमेंट मिशन के अंतर्गत युवाओं को स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। आईटी पार्क, इनोवेशन हब, और टूल रूम की स्थापना की गयी है। हर जिला अब सिर्फ प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि रोजगार उत्पादन केंद्र बन रहा है।

स्वस्थ और हरित मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री हरित मध्य प्रदेश अभियान के अंतर्गत करोड़ों पौधे लगाए गए हैं। सौर ऊर्जा और बायो गैस परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नर्मदा सेवा यात्रा जैसे कार्यक्रमों से पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता उत्पन्न हो रही है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में अब सशक्त स्वाभिमानी और विकसित मध्य प्रदेश की कहानी लिखी रही है।

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