नेमावर से मां नर्मदा एवं ध्वज पूजन कर शुरू हुई यात्रा
प्रदीप साहू, खातेगांव। भारत की पावन भूमि पर जहां गंगा स्नान का जो फल मिलता है, वहीं पुण्य फल मां नर्मदा के दर्शन से प्राप्त होता है। जहां प्रयागराज में करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचकर मां गंगा के अमृत में जल में डुबकी लगा रहे हैं। इसी प्रकार मध्य प्रदेश की जीवनदायनी मां नर्मदा के तटों पर भी पांच दिवसीय पंचकोशी पदयात्रा के शुभारंभ पर महाकुंभ जैसा दृश्य दिखाई दे रहा है। करीब 20 हजार श्रद्धालु पंचकोशी मार्ग पर हर-हर नर्मदे, त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे के जय घोष करते हुए चल रहे हैं, पंचकोशी मार्ग पर हर हर नर्मदे ही सुनाई दे रहा है। श्रद्धालु गण हाथों में लाठी, सर पर पोटली रखे हर-हर नर्मदे करते हुए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पद यात्रा कर पंचकोशी यात्रा में शामिल हुए। देवास जिले के नेमावर से मां नर्मदा की पांच दिवसीय 90 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। जहां एक दिन पूर्व से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का नेमावर के नर्मदा तट पहुंचना प्रारंभ हो गया था। रात भर नर्मदा तट पर भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा। जहां कुंभ जैसा नजारा देखने को मिला। वहीं ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाकर सिद्धेश्वर महादेव का जल अभिषेक कर चिन्मय धाम आश्रम पर ध्वज का पूजन कर यात्रा का शुभारंभ किया। यात्रा नेमावर से बिजलगांव पहुंची। यात्रा का पहला पड़ाव बिजलगांव घाट पर रहता है। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रथम दिवस ही जलोदा की और नाव से मां नर्मदा पार कर हंडिया तट पर पहुंचे। 2८ फरवरी को नेमावर पहुंचेगी जहां मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर यात्रा का समापन किया जाएगा। नर्मदा पंचकोशी यात्रा को देखते हुए पुलिस एवं प्रशासन ने बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजार किए गए हैं। पंचकोशी मार्ग पर जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए स्वपाहार, चाय, पान की व्यवस्थाएं की गई है। शिक्षक शिव पवार ने बताया कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। पंवार के निवास पर फलियारी प्रसाद का वितरण किया जाता है। कार्यक्रम में बच्चों को उनकी सहभागिता के लिए प्रमाण पत्रों का वितरण संकुल प्राचार्य राजेन्द्र हथेल द्वारा किया गया।
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