गणेश पांडे, भोपाल। वन मंत्री रामनिवास रावत के चुनाव हारने और त्यागपत्र देने के बाद नए वनमंत्री की तलाश शुरू हो गई है। राजनीतिक विथिकाओं में चर्चा है कि दो बार वन मंत्री रह चुके विजय शाह को अनुभव के आधार पर वन मंत्रालय सौंपा जा सकता है। इसी के साथ यह भी कहा जा रहा है कि बुधनी से जीते रमाकांत भार्गव को नया वन मंत्री बनाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के विदेश लौटने के बाद फिलहाल तो वन मंत्रालय का प्रभार अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री विजय शाह को दिया जा सकता है। इसके पीछे शीतकालीन सत्र सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है। वैसे भाजपा सरकार में निमाड़ के कद्दावर आदिवासी नेता विजय शाह इकलौते ऐसे मंत्री हैं, जो दो बार वन मंत्रालय संभाल चुके हैं। यही नहीं दो टर्म को मिलाकर उनके पास कुल 5 साल तक जंगल महकमा रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने मंत्रिमंडल में नागर सिंह चौहान को वन मंत्रालय दिया था, किन्तु कटनी जिन्ना खदान विवाद के चलते उनसे वन विभाग ले लिया था। भाजपा के गलियारों में चर्चा है कि अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान को वन मंत्रालय दिए जाने को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है।
नए वन मंत्री की खोज के दौरान बुधनी से निर्वाचित रमाकांत भार्गव का नाम भी चर्चा में है। भार्गव को मंत्री बनाने की वकालत करने वालों का तर्क है कि मौजूदा भाजपा सरकार में रायसेन जिले का प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में रमाकांत भार्गव को मंत्रिमंडल में शामिल होने और उन्हें वन मंत्रालय दिए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार में चौधरी चंद्रभान सिंह, ढाल सिंह बिसेन, राजेंद्र शुक्ला और सरताज सिंह जैसे नेता वन मंत्री बने, किंतु सबसे अधिक कार्यकाल विजय शाह का रहा है। खैर भाजपा में कब किसको कौनसा पद मिल जाए और कौन फ्रंट लाइन से सीधे पवेलियन में चला जाएं कहना मुश्किल है। लेकिन कयासों का बाजार फिलहाल गर्म है, इसलिए खबर तो बनती है।
Views Today: 4
Total Views: 366