जन्मदिन पर की सार्वजनिक घोषणा, हरदा की मुहिम को मिला बल
दैनिक अनोखा तीर, हरदा:- बैतूल इंदौर व्हाया हरदा रेल लाइन को लेकर वर्षों से मांग की जाती रही है। लेकिन वर्षों उपरांत जब भारत सरकार ने इसे संज्ञान में लेते हुए सर्वे और निर्माण की कार्य योजना बनाई तो जनता की मांग पर राजनीति हावी हो गई। परिणामस्वरूप जो रेलवे लाइन बैतूल से हरदा होकर इंदौर जाना थी वह बुधनी – भैरुदां होते हुए हरदा से 30 किमी दूर संदलपुर से इंदौर का इंदौर का रास्ता पकड़ गई। जिससे हरदा क्षेत्र की जनता में काफी मायूसी और निराशा देखने को मिली। अपने क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण रेलवे लाइन को महज तीस किलोमीटर दूर से गुजरते देख क्षेत्र की जनता ने इसे एक आंदोलन का रूप देने की ठान ली है। इसी बीच गत दिवस भाजपा के कद्दावर नेता, प्रदेश सरकार के पूर्व केबिनेट मंत्री तथा हरदा के पूर्व विधायक कमल पटेल ने अपने जन्मदिन के अवसर पर जनता की इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा कराने का संकल्प लें लिया। कमल पटेल ने अपने जन्मदिन अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आयोजन कवि सम्मेलन के सार्वजनिक मंच से यह घोषणा कर दी।
उल्लेखनीय है कि बैतूल-इंदौर व्हाया हरदा रेल लाइन की मांग पिछले 35-40 वर्षों से की जाती रही है। जब राजीव गांधी सरकार में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को रेल मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया था, तब हरदा होशंगाबाद जिले की एक तहसील भर था। लेकिन उस दौरान हरदा क्षेत्र की जनता ने इस मांग को काफी प्रमुखता से उठाया था। जिसे देखते हुए रेल मंत्री श्री सिंधिया ने विभागीय सर्वे कराने के आदेश भी जारी कर दिए थे। रेलवे विभाग द्वारा जब सर्वे किया गया था तो वह इंदौर हरदा बैतूल रेल लाइन के रूप में ही हुआ था। लेकिन सर्वे उपरांत यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया। वर्षा बाद जब भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण रेल परियोजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया तो उसका मार्ग ही परिवर्तन हो गया। चूंकि जब देश के तात्कालिक रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस रेल मार्ग के लिए सर्वे कराने और इसकी सम्पूर्ण कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए तब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक होने और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के कारण उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए इस रेल मार्ग को जनता के लिए बतौर सौगात देने का मन बना लिया। उन्होंने बैतूल-इंदौर व्हाया हरदा रेल मार्ग को हरदा की बजाय बुधनी से भैरुदां होते हुए हरदा से 30 किमी दूर संदलपुर से इंदौर करवा दिया। जब इस नये मार्ग का सर्वे चल रहा था तब हरदा विधायक कमल पटेल शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री थे। ऐसी स्थिति में अपने मुख्यमंत्री का सीधे तौर पर वह विरोध करते हुए इस नये रेल मार्ग को बुदनी के स्थान पर हरदा से होते हुए निकालने की मांग चाहते हुए भी नहीं कर सकते थे।
अब जब केन्द्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस रेलवे लाइन के लिए 1080 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान कर दिया तो हरदा क्षेत्र की जनता ने एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को जन आंदोलन बनाने की कवायद शुरू कर दी। हरदा क्षेत्र के जन नेता रहे स्वर्गीय जमना प्रसाद जैसानी की स्मृति में बनाए गए जमना जैसानी फाऊंडेशन के बैनर तले हरदा रेल लाइन आंदोलन समिति बनाई जानकर केन्द्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखी जाने लगी है। फिलहाल इस समिति ने क्षेत्रीय सांसद और केन्द्र सरकार में मंत्री दुर्गादास उईके को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग से अवगत कराया है। तत्पश्चात हाल ही में एक जन बैठक आयोजित कर इसे जन आंदोलन बनाने की रूपरेखा भी तैयार की गई। इसी बीच जनता की भावना और अपने स्वयं के इस पुराने सपने को साकार करने का बीड़ा कमल पटेल ने उठा लिया। श्री पटेल ने अपने जन्मदिन अवसर पर जनता की इस महत्वपूर्ण मांग को संकल्प के रूप में लेते हुए घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि हर जनप्रतिनिधि चाहता है कि उसके क्षेत्र में विकास के नये द्वार खुले और शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने क्षेत्र के लिए वही कार्य किया है। लेकिन आज प्रदेश और देश में हमारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और हमारे क्षेत्र के सांसद केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। हम पूरी गंभीरता और प्राथमिकता से सांसद डीडी उईके के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर बैतूल से व्हाया हरदा संदलपुर रेल्वे लाईन भी स्वीकृत कराएंगे। श्री पटेल ने कहा कि हरदा जिले को रेलवे जंक्शन बनाते हुए बैतूल हरदा संदलपुर रेल्वे लाईन अब मेरा संकल्प भी है और सपना भी है, जिसे हर हाल में साकार किया जाएगा।
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