राज्य शिक्षा केन्द्र ने अनमैप्ड स्टूडेण्ट की संख्या का विश्लेषण के लिये कहा
भोपाल : राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर पिछले वर्ष के मुकाबले विद्यार्थियों के नामांकन में आई गिरावट का विश्लेषण करने के लिये कहा है। पत्र में कहा गया है कि स्टूडेंट प्रोग्रेशन का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रोग्रेशन की प्रोसेस में स्कूल के शिक्षकों द्वारा बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को शाला से अनमैप्ड करके ड्रॉपबॉक्स में भेज दिया गया है। इस वजह से विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट देखने को आ रही है। पत्र में कहा गया है कि शाला में अनमैप्ड स्टूडेंट की स्कूलवार और स्टूडेंटवार जानकारी जिले के पास उपलब्ध है। इस कार्य की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी समीक्षा की जा रही है।
जिले में शाला से अनमैप्ड स्टूडेंट को उसकी अध्ययनरत शाला में उसकी पात्रतानुसार कक्षा में मैप किया जाना है। यह कार्य 31 अक्टूबर 2024 तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाये। निर्देश में कहा गया है कि मैपिंग की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा सुनिश्चित की जाये। ब्लॉक लेबल और जनशिक्षा केन्द्र स्तर से भी अनमैप्ड स्टूडेंट की मैपिंग का लक्ष्य दिया जाये। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी और डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट को-ऑर्डीनेटर की जिम्मेदारी तय करने के लिये भी कलेक्टर्स को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि जो विद्यार्थी ड्रॉपबॉक्स में भेज दिये गये हैं, उन्हें राज्य सरकार की नि:शुल्क पाठय-पुस्तक, गणवेश और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
ड्रॉपबॉक्स स्टूडेंट
ड्रॉपबॉक्स एक ऐसा ऑनलाइन बॉक्स जो सभी की पहुँच होता है, जिसमें देशभर में स्कूल से अनमैप्ड स्टूडेंट्स की जानकारी होती है। देशभर में ऐसे स्टूडेंट्स को खोजने के लिये ऑनलाइन सुविधा है, जिससे शाला से अनमैप्ड स्टूडेंट को ट्रेक किया जाकर स्कूल में दर्ज किया जा सके। ड्रॉपबॉक्स स्टूडेंट वे स्टूडेंट होते हैं जो विगत सत्र में किसी स्कूल में दर्ज थे, किन्तु वर्तमान सत्र में किसी भी स्कूल में दर्ज के रूप में दिखाई नहीं दे रहे हैं। सामान्यत: स्कूल शिक्षक स्टूडेंट्स के प्रोग्रेशन के दौरान स्टूडेंट की जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में बिना जाँच-पड़ताल किये स्टूडेंट को ड्रॉपबॉक्स में भेज देते हैं।