नर्मदा खण्ड स्थित नागबाटी सिद्ध क्षेत्र


-सैकड़ो साल पहले सवा मन दूध से होता था दुग्धाभिषेक
अनोखा तीर, हंडिया। नाग पंचमी का पर्व विशेष रूप से पुराणों और धार्मिक ग्रन्थों में वर्णित हैं। इसे लेकर मान्यता है कि नागो की पूजा से विषैले सर्पो से बचाव हो होता है और जीवन में उन्नति व समृद्धि आतीं है। भविष्य पुराण के अनुसार पंचमी तिथि नागो को अत्यंत प्रिय है। बताया जाता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और गले में बैठे वासुकि नाग की पूजा की जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। इसी कड़ी में हम बात कर रहे हैं, नर्मदा खण्ड में स्थित नागबाटी सिद्ध क्षेत्र हंडिया की, जहां सैकड़ों सालों से नाग-नागिन की अदभूत चमत्कारी प्रतिमा की पूजा विधि- विधान के साथ श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। जहां सभी की कामना पूर्ण होती है। सदियों पुराना यह स्थान हंडिया तहसील क्षेत्र से 2 कि.मी दूर स्थित है। जहां प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से यह स्थान उपेक्षित पड़ा हुआ है। पुरातत्व विभाग द्वारा इस स्थान को संरक्षित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

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