- जल संसाधन विभाग व वन विभाग की आपत्तियों के बावजूद धड़ल्ले से हो रही है ब्लॉस्टिंग
- खरगोन जिले के सबसे बड़े सिंचाई तालाब को क्षति पहुंचने पर सैकड़ों गांवों में असमय बाढ़ आने की आशंका
खरगोन मनीष मडाहर :-जिले के 50 एमक्यूएम क्षमता के सबसे बड़े सिंचाई तालाब देजला-देवाड़ा जलाशय को जल जीवन मिशन अंतर्गत 309.59 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन जल शोधन संयत्र के लिए की जा रही अवैध ब्लॉस्टिंग से खतरा मंडराया हुआ है। ब्लॉस्टिंग के चलते बांध की दीवार में दरार पड़ने व क्षतिग्रस्त होने की प्रबल संभावना व्यक्त की गई है। जल संसाधन विभाग, वन विभाग व क्षेत्रवासियों की आशंकाओं की उपेक्षा करते हुए निर्माण एजेंसी दिन-रात बगैर विभागीय अनुमति बांध स्थल पर अवैध ब्लॉस्टिंग में व्यस्त है। निर्माण एजेंसी के अफसर व ठेकेदार ब्लॉस्टिंग से बांध को क्षति पहुंचने की समस्त आशंकाओं को अफवाह बताकर आने वाले संभावित संकट से पल्ला झाड़ रहे हैं। गत वर्ष कारम डेम टूटने से मचे हाहाकार को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रवासियों ने देजला-देवाड़ा बांध क्षेत्र में अवैध ब्लॉस्टिंग पर रोक की मांग की है।
जिले के 165 गांवों में जलापूर्ति के लिए महाप्रबंधक मप्र जल निगम मर्यादित, परियोजना क्रियान्वयन इकाई खरगोन द्वारा भगवानपुरा तहसील के करीब 35 साल पूर्व मिट्टी से निर्मित देजला-देवाड़ा जलाशय की पाल से 500 मीटर दूर जल शोधन संयत्र व इंटेकवेल का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए निर्माण एजेंसी द्वारा वनमंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल खरगोन से अधिरोपित शर्तों के अधीन वनभूमि पर निर्माण की सैद्धांतिक सहमति ली गई थी। निर्माण एजेंसी ने नल जल योजना में जल जीवन मिशन अंतर्गत देजला-देवाड़ा जलाशय सहित इंदिरा सागर-2 परियोजना में आवश्यकता अनुसार ब्लॉस्टिंग की अनुमति भी मांगी थी। वनमंडलाधिकारी, सामान्य वन मंडल खरगोन ने उप वनमंडलाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर 11 जून 2024 को अनुविभागीय दंडाधिकारी को लिखे पत्र के माध्यम से योजना के प्रभावित वनक्षेत्र में ब्लॉस्टिंग कार्य की अनुमति दिए जाने हेतु असहमति व्यक्त की थी। उधर, अवैध रूप से जारी ब्लॉस्टिंग पर अनुविभागीय अधिकारी देजला-देवाड़ा परियोजना, जल संसाधन उपसंभाग क्रमांक-5 भगवानपुरा नास्तर बंडोडिया ने 15 जुलाई 2024 को निर्माण एजेंसी के ठेकेदार नालंदा इंजीकांट प्रा. लि. पटवा एवं हिंदुस्तान प्रोजेक्ट, राजकोट (जेवी) कार्य क्षेत्र देजला-देवाड़ा बांध भगवानपुरा को लिखे पत्र में विभागीय अनुमति प्राप्त करने एवं देजला-देवाड़ा बांध पर ब्लॉस्टिंग कार्य तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे। इन सब आशंकाओं को जूते की नोंक पर रखते हुए निर्माण एजेंसी के ठेकेदार ने विभागीय मिलीभगत से ब्लॉस्टिंग कार्य में ओर तेजी ला दी। मौके पर ट्रैक्टरों से ड्रिलिंग के साथ-साथ क्राउलर ड्रिलिंग मशीन से ड्रिलिंग शुरू कर दी। 16 जुलाई को भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने वन विभाग, जल संसाधन विभाग व क्षेत्रवासियों में व्याप्त आशंका से कलेक्टर खरगोन, पुलिस अधीक्षक खरगोन व एसडीएम खरगोन को अवगत कराया। इसपर रात को ही मौके से क्राउलर ड्रिलिंग मशीन सहित अन्य मशनरी हटा दी गई। 17 जुलाई को जलसंसाधन संभाग खरगोन के ईई प्रेम ब्राह्मणे, निर्माण एजेंसी के जीएम डीएस पचलैया ने ठेकेदार के कर्मचारियों की उपस्थिति में मौका मुआयना किया जिसमें बांध क्षेत्र में अवैध ब्लॉस्टिंग पाई गई। तब मौके पर पोकलेन सहित अन्य मशीनें मौजूद थी। उधर, जनपद सदस्य सेवंतीबाई सहित अन्य जनप्रतिनिधि व रहवासियों ने थाना प्रभारी भगवानपुरा को लिखित शिकायत कर देजला-देवाड़ा जलाशय में जल जीवन मिशन अंतर्गत बड़ी-बड़ी मशीनों से ब्लॉस्टिंग कार्य किए जाने व क्षति की आशंका संबंधी सूचना दी गई। इतना होने के बाद भी ठेकेदार ने अवैध कार्य से हार नहीं मानी। अखबारों के माध्यम से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व क्षेत्रवासियों की बांध को क्षति पहुंचने संबंधी आशंकाओं को अफवाह करार दे दिया। साथ ही बांध पर क्राउलर ड्रिलिंग मशीन से ड्रिलिंग व ब्लॉस्टिंग कार्य जारी रखा। थक-हारकर भगवानपुरा टीआई ने बांध से क्राउलर ड्रिलिंग मशीन को कब्जे में लेकर वहां से हटवाया तथा ठेकेदार को बगैर अनुमति ब्लॉस्टिंग न करने की सख्त हिदायत दी। इस बीच उक्त ब्लॉस्टिंग के संबंध में कलेक्टर खरगोन, डीएफओ खरगोन, ईई जलसंसाधन संभाग खरगोन, जीएम मप्र जल निगम मर्यादित, परियोजना क्रियान्वयन इकाई खरगोन आदि को बांध पर ब्लॉस्टिंग कार्य तत्काल रोकने के लिए लिखित शिकायत की गई है।
वन्यप्राणियों व आमजन को भी खतरा
वनमंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल खरगोन प्रशांत कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि जांच प्रतिवेदन अनुसार उक्त प्राप्त प्रस्तावित स्थल में 5055 बोर (होल) लगाया जाना प्रस्तावित है एवं वाटर ट्रिटमेंट प्लांट से 500 मीटर पाल स्थित है। ब्लॉस्टिंग कार्य होने से नजदीक स्थित बांध की दीवार में दरार पड़ने एवं क्षतिग्रस्त होने की प्रबल संभावना है। बांध में एकत्रित पानी से स्थानीय ग्रामीण जन तथा वनक्षेत्र समीप होने से अक्सर पानी पीने हेतु वन्यप्राणियों का भी विचरण होता है। उक्त कारण से ब्लॉस्टिंग एवं बोर होल किए जाने के कारण बांध में संग्रहित जल दूषित होगा, जिससे आमजन के साथ-साथ वन्यप्राणी, मवेशी इत्यादि के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पडे़गा एवं वन तथा पर्यावरण संरक्षण पर भी विपरीत असर पड़ेगा। अतः उक्त योजना में प्रभावित वनक्षेत्र में ब्लॉस्टिंग कार्य की अनुमति दिए जाने हेतु असहमति व्यक्त की जाती है।
बांध को नुकसान पहुंचा तो ठेकेदार जिम्मेदार
अनुविभागीय अधिकारी देजला-देवाड़ा परियोजना, जल संसाधन उपसंभाग क्रमांक-5 भगवानपुरा नास्तर बंडोडिया ने 15 जुलाई 2024 को निर्माण एजेंसी के ठेकेदार को लिखे पत्र में कहा कि आपके द्वारा जल निगम की ग्रामीण जल समूह योजना के तहत देजला-देवाड़ा बांध पर जल संसाधन विभाग की बिना पूर्व अनुमति के अवैध रूप से ब्लॉस्टिंग का कार्य किया जा रहा है, जिसे तत्काल रोक दिया जाए अन्यथा निर्माण स्थल पर कार्यरत आपकी सभी मशीनरी जब्त कर पुलिस कार्यवाही की जाएगी। आपके द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे ब्लॉस्टिंग कार्य से बांध को किसी प्रकार की क्षति अथवा जनहानि पहुंचती है तो आप स्वयं उत्तरदायी होंगे। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि जल संसाधन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत ही कार्य प्रारंभ करें।
कार्यस्थल पर मीडिया व आमजन की नो इंट्री
ठेकेदार ने अपने अवैध ब्लॉस्टिंग कार्य को धड़ल्ले से जारी रखने में आ रही रूकावटों को दूर करने के लिए निर्माण स्थल पर मीडियाकर्मियों व रहवासियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। निर्माण स्थल पर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेटिंग करते हुए पहरेदारी के लिए चौकीदार बिठा दिया है। गत दिनों भगवानपुरा के मीडियाकर्मियों के साथ ठेकेदार के लोगों ने दुर्व्यवहार किया। मामला भगवानपुरा थाने पहुंचने पर ठेकेदार के आदमियों ने मीडियाकर्मियों से क्षमा मांगते हुए दोबारा ऐसी घटना ने होने का आश्वासन दिया।
नौ हजार हेक्टेयर में होती है सिंचाई
कुंदा नदी पर बने देजला-देवाड़ा सिंचाई परियोजना तालाब से भगवानपुरा, गोगावां व खरगोन आदि विकासखंड के नौ हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में रबी की सिंचाई होती है। साथ ही खरगोन शहर को भी पेयजल हेतु पानी की आपूर्ति की जाती है। बांध का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करकमलों से हुआ था। हाल ही में खरगोन शहर को खारक सिंचाई परियोजना के जलाशय से पेयजल हेतु पानी मिलने के कारण देजला-देवाड़ा परियोजना के तालाब के शेष पानी को जल जीवन मिशन अंतर्गत 165 गांवों को देने का निर्णय लिया गया है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए बांध स्थल पर इंटेकवल, दो टैंक व जल शोधन संयत्र का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में वर्षाकाल होने से बांध में तेजी से जलभराव हो रहा है। बांध के उपयंत्री बद्रीलाल रावत ने बताया बारिश को देखते हुए 15 अगस्त तक बांध अपनी पूर्ण क्षमता के साथ भरने की संभावना है।
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