वर्षा से पहले सफाई जरूरी
नई सब्जी मंडी स्थित नाला
हर साल की तरह इस साल भी बारिश से पहले नालों की सफाई का कार्य जारी है। लेकिन, उसकी रफ्तार धीमी है। यही कारण है कि जहां मानसून दस्तक दे रहा है, वहीं सफाई से छूटे पड़े नालों की दशा कुछ ओर ही बयां कर रही है। जिसके चलते तेज बारिश दौरान पानी का प्रवाह बाधित होने के आसार बने हुए हैं। हालांकि, नपा की जनस्वास्थ्य शाखा का दावा है कि सफाई कार्य चल रहा है। बरसात से पहले सभी नालों के साथ साथ वार्डो की प्रमुख नालियां कचरे से मुक्त करेंगे। बहरहाल, समय कम व काम ज्यादा जैसी परिस्तिथि में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
अनोखा तीर, संवाददाता – हरदा। शहर में इन दिनों नालों की हालत देखकर बारिश में जगह-जगह पानी भरने का अंदेशा बना हुआ है। क्योंकि मानसून दस्तक दे चुका है, जो अगले दो सप्ताह में अपनी आमद दर्ज कर सकता है। ऐसी स्थिति में अधूरा पड़ा नालों का सफाई कार्य अब चिंता में बदलने होने लगा है। दरअसल, हर साल की तरह इस साल भी बारिश से पहले शहर के सभी नालों की समुचित साफ-सफाई का दौर जारी है। नपा की जनस्वास्थ्य शाखा बकायदा प्लान तैयार कर मैदान पकड़ चुका है। इस बीच प्रतिदिन नालों की सफाई की जा रही है। परंतु मानसून की दस्तक के मध्य समय और काम ज्यादा जैसी परिस्थिति बनने से चिंता बढ़ना लाजमी है। इन सबके बीच जनस्वास्थ्य अमला लक्ष्य को पूरा करने में जुटा हुआ है। अनोखा तीर ने शनिवार को नालों की हकीकत देखी तो मालूम हुआ कि समय कम व काम ज्यादा की स्थिति है। शहर के नाले कचरे से पटे पड़े हैं, वहीं किनारों पर झाड़ियां उग रहीं हैं। जानकारी के अनुसार जून माह की शुरूआत के साथ ही मानसून का पहर लग गया है, जो कि आगामी दिनों में बारिश में तब्दील होना तय है। ऐसे में सफाई कार्य की धीमी रफ्तार कई सवालों को जन्म दे रहा है। वहीं दूसरी ओर सफाई दरोगा समेत अन्य प्रभारियों का दावा है कि बारिश से पूर्व समस्त नालों को पूरी तरह साफ कर देंगे। सफाई कार्य को रफ्तार देने के लिये अन्य सुविधाओं का भी इस्तेमाल करेंगे। इस बारे में ओर अधिक जानकारी के लिये जब स्वच्छता प्रभारी को कॉल किया तो उनसे बात नही हो पाई।
कचरे से लबालब
शहर के वार्ड क्रमांक 8 से नार्मदीय धर्मशाला के बीच बना नाला कचरे और मलबे से लबालब है। यहां सफाई नहीं होने के कारण दुर्गंध आ रही है। वहीं नाला खुला होने से हादसे का खतरा भी रहता है। खासकर नाले से लगे मकानों के आसपास सुरक्षा इंतजाम नगण्य है। स्थानीय रहवासियों के मुताबिक यही हाल रहा तो बारिश में पानी का निकास बाधित होगा।
नाले का बुरा हाल
इसी तरह नई सब्जी मंडी स्थित नाले की एक बार सफाई हो चुकी है। बावजूद इसकी दशा खराब है। जबकि यहां आधे से ज्यादा नाला अंडरग्राउंड है। सफाई के लिये केवल उनके दोनों छोर खुले हैं। नाले में कचरे के अलावा मलबा और प्लास्टिक की पन्नियों का ढ़ेर लगा है, जो कि सफाई कार्य में लेटलतीफी की ओर इशारा कर रही है। जिससे पार पाना बेहद जरूरी है।
जिम्मेदार कौन ?
नालों की स्थिति देखते समय लोगों ने बेबाक कहा कि इन हालातों के हम सब जिम्मेदार हैं। क्योंकि, स्वच्छता के प्रति जितनी जबावदेही संबंधित निकाय की है, उतनी ही जिम्मेदारी नागरिकों की भी है। स्वच्छता अभियान की राह सामूहिक सहयोग से गुजरती है, तभी इसके सार्थक परिणामों की उम्मीद की जा सकती है। वरन् शत-प्रतिशत स्वच्छता का स्वप्न अधूरा रहना है। उन्होंनें यह भी कहा कि नई सब्जी मंडी समेत अन्य नाले लोगों की लापरवाही का दंश झेल रहे हैं। कई लोग नाले में कचरा फेककर एक तरफ हो जाते हैं। जबकि कचरे के लिये पूरे शहर में कचरा वाहन चल रहे हैं। जिसके माध्यम से लोग अपने घरों का कचरा नीयत स्थान तक पहुंचाते हैं, यही उम्मीद नगरीय निकाय करती हैं। लेकिन, चंद लोगों की लापरवाही शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर धब्बा समान है।
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