प्याऊ की दीवार पर प्रचार
हरदा समेत खिरकिया और टिमरनी नगरीय क्षेत्रों में शासकीय तथा निजी संपत्तियों पर विज्ञापनों की भरमार दिखेगी, जो कि नगरीय क्षेत्रों की खूबसूरती को प्रभावित करने के साथ साथ उनके आर्थिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रहे हैं। इतना ही नही, इन सब पर अंकुश के अभाव में संबंधितों के हौंसले बुलंद हैं। फलस्वरूप शहर व नगर की दीवारें, खंबे, चौक-चौराहे, प्रतिमा स्थल सहित अन्य स्थान बोर्ड, लेखन तथा रंग-बिरंगे पर्चो से पटे पड़े हैं। जन चर्चाओं में ये सब स्वच्छ भारत मिशन की स्वच्छ मंशाओं पर बुरा प्रभाव है।
अनोखा तीर, हरदा। स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण की राह पर अवैध प्रचार सामग्री रोड़ा बनकर खड़ी है। जिससे नगरीय क्षेत्रों की खूबसूरती पर धब्बे के समान है। जबकि इस दिशा में नगरीय निकायों के प्रभावी प्रयास संस्था को आर्थिक रूप से ओर अधिक मजबूत कर सकती है। लेकिन, इतने लंबे अंतराल के बावजूद इस मामले में कारगर पहल नगण्य है। ऐसा इसलिये, क्योंकि समय के मान से जहां बढ़ती आबादी के साथ साथ शहरी क्षेत्र भौगोलिग दृष्टि से बढ़ गया है। इन सबके बीच निजी संस्थाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जिसके चलते उनके प्रचार का सिलसिला साल दर साल रफ्तार पकड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर संबंधित नगरीय निकाय उन पर मेहरबान प्रतीत हो रही हंै। हालांकि, निकाय हर साल होर्डिंग्स का ठेका करते हैं। परंतु जनमानस के मुताबिक यह नाकाफी है। ठेके के अलावा वैध एवं शासकीय प्रचार को छोड़कर अन्य से सवाल-जबाव जरूरी हैं। इस बारे में समाजसेवी व युवा अधिवक्ता शांतिकुमार जैसानी ने कहा कि शासकीय तथा निजी संम्पत्तियों पर बगैर अनुमति बोर्ड, पर्चे व दीवार लेखन को लेकर सख्त हिदायत जरूरी है। संबंधितों को पहले समझाइश फिर नियम अनुसार जुर्माने का चाबुक चलाने से व्यवस्था में सुधार दिखेगा। इस दिशा में सक्रिय प्रयासों से नगरीय क्षेत्र अवैध प्रचार-सामग्री के मकड़जाल से मुक्त हो सकेंगे। साथ ही नियंत्रित एवं नियम अंतर्गत लगे विज्ञापन से शहर स्वच्छ व सुंदर दिखाई देना तय है। यहां बताना होगा कि पिछले कई सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आ रहा इन्दौर नगर निगम ने अवैध विज्ञापनों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई को अंजाद दिया। साथ ही ये संदेश भी दिया है कि किस तरह शहर को साफ-सुथरा एवं सुंदर बनाया जा सकता है।
यह जरूरी….
– अवैध पोस्टर चिपकाने और विज्ञापन सामग्री से शहर को गंदा करने पर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 एवं निकाय के नए कानून के अनुसार कार्रवाई का पाठ पढ़ाया जाएं।
– समझाइश के बावजूद सुधार ना होने पर आर्थिक दंड आवश्यक है, ताकि प्राप्त राजस्व चिपकाई गई प्रचार सामग्री को हटाने व विज्ञापन जनित अपशिष्ट प्रबंधन में लगाया जा सके।
– नगर निकाय की सीमा अंतर्गत ऐसे तमाम स्थलों को चिन्हित किया जाए। तत्पश्चात स्थानों की स्क्रटनी कर उन्हें ई-टेंडर या उचित प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित कर सकें।
– सबसे महत्वपूर्ण मानक के अनुरूप जैसे रीसाइकिलेबल, इको फ्रेंडली तथा डिजिटल विज्ञापन पर जोर देने से शहर में इस प्रकार का अपशिष्ट कम होगा, वहीं अपशिष्ट के संग्रहण, परिवहन और प्रबंधन पर अतिरिक्त व्यय थमेगा।
Views Today: 2
Total Views: 46