अनोखा तीर इंदौर:-रेल मंत्रालय इंदौर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर 494 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है, लेकिन भविष्य में ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर इंदौर में स्टेशन भी बढ़ाने होंगे। इसके लिए फिलहाल रेल प्रबंधन के पास न कोई योजना है और न ही सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई कारगर योजना बना रहे हैं।
रतलाम रेल मंडल में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले इंदौर रेलवे स्टेशन पर रेल यातायात दबाव इतना अधिक हो गया है कि लंबी दूरी ट्रेनों का संचालन अब महू और लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से किया जा रहा है। इंदौर के मास्टर प्लान में कई वर्ष पहले कुमेड़ी में बड़े रेलवे स्टेशन के लिए करीब 300 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है, लेकिन रेलवे इस जमीन पर स्टेशन विकास के लिए न योजना बना सका और न हीं जमीन का उपयोग कर सका।
इंदौर जैसे 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहर के लिहाज से एक बड़े स्टेशन की जरूरत है। आने वाले समय खंडवा, धार, बुधनी जैसे रेल रूट से कनेक्टीविटी हो जाएगी। तब इंदौर से प्रतिदिन 100 से अधिक ट्रेनों का आना-जाना होगा। वर्तमान में इंदौर रेलवे स्टेशन से 68 ट्रेनों का आवागमन होता है। इनमें 42 ट्रेनों का संचालन इंदौर स्टेशन से होता है।
मौजूदा स्थिति में मुख्य स्टेशन पर चार और पार्क रोड पर दो प्लेटफार्म हैं। यहां अब नई ट्रेन का संचालन करना काफी मुश्किल है, न ही इस स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या बढ़ाने की जगह बची है। हालांकि रेल यातायात दबाव करने के लिए रतलाम मंडल द्वारा लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म के अलावा दो नए प्लेटफार्म बना रहा है, लेकिन यहां भी विस्तार के लिए जगह उपलब्ध नहीं है।
जगह की कमी इसलिए विस्तार नहीं
वर्तमान में इंदौर रेलवे स्टेशन के दोनों ओर ब्रिज बने हुए है, जिससे स्टेशन पर नया प्लेटफार्म और पासिंग लाइन तक नहीं बनाई जा सकती है, जबकि रेल यातायात बढ़ता जा रहा है।
ऐसे विकसित हुआ इंदौर रेलवे स्टेशन
- 1877: होलकर काल में में इंदौर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया और मीटरगेज ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ
- 1956: स्टेशन का जीर्णोद्धार हुआ
- 1988: सियागंज की ओर स्टेशन बिल्डिंग बनी
- 2015: इंदौर रेलवे स्टेशन से मीटरगेज ट्रेनों का संचालन बंद हुआ हुआ। इसी दौरान मुख्य स्टेशन से 700 मीटर आगे पार्क रोड पर प्लेटफार्म-5 और 6 बनाया गया।
हर दिन 30 से अधिक ट्रेनों की पासिंग होगी
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इंदौर रेलवे स्टेशन से हर दिन 30 से अधिक ट्रेनें सिर्फ पास होंगी। इनके साथ गुड्स ट्रेनों के रैक भी रोज गुजरेंगे। कई नई ट्रेनों का संचालन शुरू होगा।
इन प्रोजेक्ट के पूरा होते ही बढ़ जाएगी ट्रेनों की संख्या
इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति: सागौर-धार के बीच अर्थवर्क शुरू
समय सीमा : 2026
इस बार मिला बजट: 600 करोड़ रुपये
इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति: पुल-पुलिया निर्माण, अथवर्क का काम चल रहा
समय सीमा: 2028
इस बार मिला बजट : 1080 करोड़ रुपये
इंदौर-महू-खंडवा ब्राडगेज लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति: महू-सनावद के बीच निर्माण कार्य शुरू
समय सीमा: 2026
इस बार मिला बजट: 910 करोड़ रुपये
इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति: डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय भेजी।
इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम दोहरीकरण प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति: डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो रही है।
इन राज्यों के लिए सीधी कनेक्टिविटी
वर्ष 2030 तक इंदौर रेलवे स्टेशन की सभी राज्यों से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। गुजरात, महाराष्ट्र रूट के लिए विकल्प भी मिल जाएंगे। वर्तमान में इंदौर से गुजरात के लिए रतलाम होकर जाना पड़ता है, लेकिन इंदौर-दाहोद लाइन पूरी होने पर धार-झाबुआ होकर सीधे गुजरात पहुंचा जा सकेगा। मुंबई जाने के लिए रतलाम होकर जाना पड़ता है। इंदौर-महू-खंडवा ब्रॉडगेज लाइन पूरी होने पर सीधे खंडवा होकर महाराष्ट्र-तेलंगाना तक की कनेक्टिविटी हो जाएगी। इंदौर-बुधनी लाइन शुरू होने से जबलपुर-रीवा होते हुए उत्तर भारत के लिए अतिरिक्त रूट मिल जाएगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पूरी होने पर महाराष्ट्र के लिए तीसरा विकल्प तैयार हो जाएगा।
लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन का विस्तार करने की आवश्यकता
रेल मामलों के विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि वर्तमान में लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। दो नए प्लेटफार्म एमआर-4 की ओर बन रहे हैं। बाणगंगा की ओर माल गोदाम बना हुआ है। इस माल गोदाम को दो हिस्सों में पालिया रेलवे स्टेशन और मांगलिया रेलवे स्टेशन ले जाना होगा। माल गोदाम की जगह पर दो नए प्लेटफार्म और स्टेशन बिल्डिंग बनाई जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों का संचालन लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से हो सके।
कुमेड़ी में बन सकता है नया रेलवे स्टेशन
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा पिछले मास्टर प्लान में कुमेड़ी में रेलवे लैंडयूज के लिए 300 एकड़ जमीन रखी गई है, लेकिन अब तक रेल मंत्रालय ने इस जमीन को नहीं लिया है, जबकि यहां रेलवे स्टेशन बनने पर यात्रियों को सहूलियत तो होती ही। एक ही स्टेशन से ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों को संचालन हो पाता। कुमेड़ी के पास में ही मेट्रो रेलवे स्टेशन और आइएसबीटी भी बन रहा है। जिससे पूरे शहर से यात्री यहां आ-जा सकते हैं।
राजेंद्र नगर स्टेशन से चलाए स्टेशन रिटर्न ट्रेन
मुख्य स्टेशन से महज 7 किमी दूर राजेंद्र नगर स्टेशन से स्टेशन रिटर्न ट्रेनों का संचालन किया किया जाए तो इंदौर रेलवे स्टेशन से दर्जनभर ट्रेनों का यातायात दबाव कम हो जाएगा।
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