अनोखा तीर ,भोपाल। मुख्ंयमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्लेटफार्म आधारित काम करने वाले गिग वर्कर कल्याण को लेकर पहल की जा रही है। जिसको गिग वर्कर ऐसोसियन ने स्वागत योग्य कदम बताया है। दिसंबर माह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा गिग वर्कर्स के कल्याण एवं अधिकारों के लिए बोर्ड बनाये जाने की बात कही गई थी, जिसके बाद 9 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर में सभा को संबोधित करते हुए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा के साथ साथ एप्प बेस्ड कंपनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स को संबल योजना जन कल्याण संबल योजना से जोड़कर, मुख्यमंत्री संबल योजना में शामिल सभी समाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ गिग वर्कर्स को प्रदान करने की बात कही गई है। साथ ही साथ बता दें कि गिग वर्कर्स के लिए गिग वर्कर्स एसोसिएशन पिछले वर्षो से लगातार उनके अधिकारों और गिग वर्कर्स को समाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की मांग सरकार से करता आ रहा है, इसके साथ ही गिग वर्कर्स एसोसिएशन द्वारा गिग वर्कर कल्याण बोर्ड बनाने की मांग केंद्र सरकार सहित सभी राज्य सरकारों से भी की है। अनुमानित आंकड़ो के अनुसार देश भर में 1 करोड़ गिग वर्कर्स अमेजान, फिल्पकार्ट, जमेटो, अर्वन कंपनी, यश मेडम, ओला, उबेर, रेपीडो, इन ड्रायवर, मीशो, स्वीगी आदि कंपनियों में काम कर रहे है, जिनके कैरियर और सर्विस को लेकर कोई कानून नही है।
गिग वर्कर्स एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल से मांग की है कि सभी गिग कार्यकर्ता संबल योजना में स्वचालित रूप से पंजीकृत हों, जिसमें इन कंपनियों से उपलब्ध डेटा का उपयोग किया जाए। इस पद्धति से मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रियान्वन में तेजी आयेगी और सुनिश्चित होगा कि कोई भी गिग वर्कर योजना के लाभ से वंचित न रहे, याद रहे कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक विज्ञापन के माध्यम से गिग श्रमिकों के कल्याण और अधिकारों के लिए एक बोर्ड गठित करने की घोषणा की थी। गिग वर्कर्स एसोसिएशन सरकार से आग्रह करती हैं कि आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए तुरंत गिग वर्कर्स एसोसिएशन, संबंधित नागरिक सामजिक संगठनों और एग्रीगेटर्स की एक बैठक बुलाई जाए सरकार, एग्रीगेटर और श्रमिक प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व वाले त्रिपक्षीय बोर्ड के गठन के लिए विधायी पहल करे।
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