मध्‍य प्रदेश में थाना स्तर से सांप पकड़ने की होगी व्यवस्था, होमगार्ड के जवानों को दी जाएगी ट्रेनिंग

अनोखा तीर भोपाल:-अब संभाग स्तर पर भी वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर खोले जाएंगे। इनमें रेस्क्यू करके लाए जाने वाले वन्यप्राणियों को रखने की व्यवस्था भी होगी। वहीं, प्रत्येक थाना स्तर पर सांप पकड़ने और उनके संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए होमगार्ड के जवानों को सांप पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस संबंध में निर्देश दिए कि सर्पदंश से लोगों को बचाने के लिए प्रत्येक थाना स्तर पर सांप पकड़ने वालों के संबंध में सबको जानकारी हो तथा पकड़े गए सांपों का संरक्षण भी व्यवस्थित तरीके से किया जाए।

मुख्यमंत्री सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 25वीं बैठक को मंत्रालय में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को वन्य जीवों के आचार-व्यवहार से परिचित कराने तथा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रावधानों के बारे में जागरूकता पर केंद्रित अभियान चलाना आवश्यक है। घड़ियाल अभयारण्य के संबंध में जनसामान्य में रूचि उत्पन्न करने के लिए भी गतिविधियां संचालित की जाएं।

निजी इकाइयों तथा व्यक्तिगत स्तर पर जनसामान्य द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के संबंध में व्यवस्था विकसित करने पर भी विचार-विमर्श होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चीता पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत चीतों की संख्या बढ़ने पर बधाई दी। बैठक में वन मंत्री नागर सिंह चौहान, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया सहित वन विभाग के प्रमुख अधिकारी, राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

बैठक में नरसिंहगढ़ अभयारण्य, पन्ना टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा-मेलघाट टाइगर रिजर्व, वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, बगदरा अभयारण्य, संजय टाइगर रिजर्व, सोन घड़िया अभयारण्य, कान्हा टाइगर रिजर्व, गांधी सागर अभयारण्य के क्षेत्रों में होने वाले विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों के लिए वन्य प्राणी संबंधित अनुमतियों पर विचार-विमर्श हुआ।

गिद्धों की संख्या में वृद्धि, 10 हजार 845 हुई संख्या

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई। इस वर्ष के प्रारंभिक ग्रीष्म कालीन आकलन के अनुसार, गिद्धों की संख्या 10 हजार 845 हो गई है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट में चीतों कुल संख्या 26 हो गई है, जिनमें 13 व्यस्क तथा 13 शावक हैं। गांधी सागर अभयारण्य चीता पुर्नस्थापन के लिए तैयार है और सतपुड़ा से 50 गौर बांधवगढ़ ले जाने की योजना है।

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