यह बात गलत हैहरदा

यह बात गलत है….

 

आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के महाराधा प्रताप कालोनी का नजारा है। जहां विद्युत पोल को निजी शिक्षण संस्थाओं ने प्रचार-प्रसार का जरिया बना लिया है। जिसमें ना अतिरिक्त खर्च और ना ही इन्हें लटकाने में कोई खास मेहनत करनी पड़ती है। यही कारण है कि शहर के अधिकांश विद्युत पोल प्रचार सामग्री से पटे हुये हैं। इसको लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। जानकारी के अनुसार शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे विद्युत पोल समेत अन्य शासकीय संपत्तियों का प्रचार सामग्रियों का डेरा है। यह केवल महाराणा प्रताप वार्ड ही नही बल्कि कई जगहों पर यह तस्वीर देखने को मिल जाएगी। इस बारे में जागरूक नागरिकों ने कहा कि चुनावी आचार संहिता दौरान यह सबकुछ सख्ती से हटाया जाता है। जबकि यह कार्रवाई पूरे सालभर प्रभावशील रहने की जरूरत है। क्योंकि, प्रमुख चौक-चौराहों व व्यस्ततम इलाकों में हर तरफ लटकी ये प्रचार सामग्रियां शहर की सुंदरता पर किसी धब्बे से कम नही है। जिस पर नजर पड़ते ही लोग कहना नही चूकते, कि यह बात गलत है।

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