हरदा

फटाका फैक्ट्री में विस्फोट, दहल गया हरदा

विस्फोट ने राहगीरों को भी लिया चपेट में, कई लोगों की मौत, सैकड़ोंं घायल

 

अनोखा तीर, हरदा। भयानक विस्फोट से हरदा और आसपास का क्षेत्र दहल गया। बम जैसे धमाकों की गूंज सुनकर लोग घरों से बाहर निकल आए। वहीं आसमान पर उठे आग और धुएं के गुब्बारे देखकर हर कोई किसी अनहोनी को लेकर डरा हुआ था। जितने मुंह उतनी बातें कोई कह रहा था हेलीकाप्टर क्रेस होकर गिर गया है तो कोई गैस गोदाम में आग लगना तो किसी ने फटाका फेक्ट्री में आग की बातें कही। किसी ने इसे भूकंप के झटके समझ लिये। लोगों के घरों के कांच तक इस धमाके में फूट गए। हकीकत क्या थी किसी को पता नहीं था, लेकिन इस भयानक घटना ने पूरे शहर को दहला कर रख दिया था। आज सुबह 11 बजे के लगभग हरदा शहर के डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम वार्ड क्रं. ३१ बैरागढ़ में प्रशासन की देख-रेख में चलने वाली रिहायशी इलाके में स्थित फटाका फैक्ट्री के बारूद गोदाम में आग लग गई। आग इतनी भयानक रूप से फैली और बड़े-बड़े धमाके होने लगे। मिनटों में धमाकों से पूरी फटाका फैक्ट्री उड़ गई। हादसे में कितने लोगों की मौते हुई है, इसे ज्ञात करना असंभव है लेकिन इस दर्दनाक हादसें में सैकड़ो लोग घायल हुए है।

प्रत्यक्षदर्शियों और आसपास के रहवासियों ने बताया कि उस समय फटाका फैक्ट्री में सैकड़ों महिलाएं एवं पुरुष कार्य कर रहे थे। फेक्ट्री के पिछले हिस्से में बारूद गोदाम में जैसे ही आग लगी वैसे ही काम कर रहे लोग भागने लगे। कई लोग इस आग की चपेट में आ गए। बारूद के इस भीषण धमाकों से राह चलते लोगों को भी नहीं बक्सा। फटाका फैक्ट्री की ईमारत के बीम कॉलम इस धमाके में उड़कर जहां राहगीरों पर गिरे तो वहीं आसपास मकानों में खड़े उनके ऊपर गिर गए। जिससे कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए तो किसी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

इस घटना में वास्तव में कितने लोग मरे हैं इसका आंकलन करना तो फिलहाल मुश्किल है, लेकिन जिन लोगों को फेक्ट्री के आसपास से उठाकर लाया गया उनकी हालत देखकर लगता है कि मरने वालों की तादाद भी कम नहीं है। जब राहगीरों के परखच्चे उड़ गए तो वहां काम करने वाले मजदूरों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। अभी तक ११ लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। मौके पर मौजूद नेशनल डिजास्टर रिसपॉन्स फोर्स मलवे में दबे लोगों को निकाल रही है। रेसक्यू ऑपरेशन में सेना भी मदद कर रही है। जिला अस्पताल प्रबंधन अनुसार २०० से अधिक घायलों को अस्पताल लाया गया है। इसमें १०० से अधिक महिलाएं भी हैं। गंभीर रूप से घायल मरीजों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम भी रेफर किया गया है। मृतकों में अभी ७ की पहचान हो गई है। जिसमें बानो पति सलीम खेड़ीपुरा, प्रियानो पिता मुन्नालाल प्रजापति खेड़ीपुरा, मुवीन पिता शकुर खान मानपुरा, अनुज पिता शोभा कुचबंदिया, आबिद पिता रहमान, उषा पति मुकेश, मुकेश पिता तुलसीराम है।

घटना की सूचना पर पहुंचा प्रशासन

शहर में हुई इस दर्दनाक घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर ऋषि गर्ग, एसपी संजीव कुमार कंचन सहित पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं नगरपालिका एवं पुलिस विभाग सहित विभिन्न विभागों की अग्निशमक गाड़ियों ने आग पर काबू पाने के लिए मोर्चा संभाल लिया था। आग की भयानक स्थिति को देखते हुए खिरकिया, टिमरनी, सिवनी मालवा, बैतूल, खातेगांव, नर्मदापुरम् सहित भोपाल से भी दमकल वाहनों को हरदा बुलाया गया। इसी तरह हरदा जिले की तमाम एम्बुलेंस के साथ ही आसपास के जिलों तथा राजधानी से भी एम्बुलेंस हरदा भेजी गई।

देर शाम तक नहीं बुझी आग, उपचार में जुटा प्रशासन

इस भयानक आग पर देर शाम तक काबू नहीं पाया जा सका। दर्जनों दमकलें आग बुझाने का प्रयास करती रही। आग बुझाने के लिए जेसीबी का भी उपयोग किया गया। पटाखा फैक्ट्री में लगी इस आग के कारण लगभग ५० मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिन्में रहने वाले परिवारों को प्रशासन ने अन्य जगह ठहराया है। विस्फोट इतना भयानक था कि इस फटाका फैक्ट्री की इमारत पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गई। वहीं आसपास के क्षेत्रों में विस्फोट से उड़े मलबे ने भारी तबाही मचाई। घटना की भयावहता का अंदाजा बात से लगाया जा सकता है कि शहर के घने आबादी क्षेत्रों में बनी कई इमारतों की दीवारों में दरारें आ गई तो कई के शीशे फूट गए। कलेक्टर ने जिले के पूरे मेडिकल स्टॉफ को तत्काल जहां घायलों के उपचार में जुटा दिया तो वहीं पुलिस और प्रशासन ने विभिन्न विभागों के सहयोग से घटना मौके पर घायलों एवं मृतकों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाने में जुटा दिया।

मुख्यमंत्री ने दिखाई संवेदनशीलता, तत्काल उपलब्ध हुई सहायता

हरदा में हुए इस भीषण विस्फोट दौरान राजधानी भोपाल में केबिनेट बैठक चल रही थी। इसी दौरान मुख्यमंत्री को हरदा में हुई इस घटना की जानकारी प्राप्त हुई। मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मंत्री उदयप्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल हेलीकाप्टर से हरदा पहुंचने के निर्देश दिए। वहीं मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक आयोजित कर प्रशासन के आलाधिकारियों को हरदा की घटना के लिए मुस्तैद करते हुए इंदौर-भोपाल में अस्पतालों को अलर्ट रहने तथा हरदा के घायलों को तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने भोपाल से फायर गाड़ी एवं एम्बुलेंस के साथ ही मेडिकल टीम को हरदा भेजने के भी निर्देश दिए। इसी तरह भोपाल से एसडीआरएफ टीम को समूचे बचाव उपकरण के साथ हरदा भेजा गया। सेना तक का सहयोग प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्देश जारी किए। ५० एम्बुलेंस को घटना स्थल पर तैनात किया गया है। कई शव कंकाल में बदल गए हैं। कुछ शव मलवे में छिपे हुए हैं, अभी भी आग सुलग रही है, आग बुझाने के लिए २५ से अधिक दमकलें लगी हैं।

मंत्री और आला अधिकारी पहुंचे हरदा

मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्री राव उदयप्रताप सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हरदा पहुंचे। जहां उन्होंने तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचकर घायलों से सीधे मिलकर उनके उपचार संबंधी जानकारी प्राप्त की और डॉक्टरों को उचित उपचार के निर्देश दिए। इसके पश्चात उन्होंने घटना स्थल का मौके मुआयना किया। उन्होंने पटाखा फैक्ट्री का हवाई सर्वेक्षण किया।

४० कि.मी दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज

राजेश अग्रवाल की इस हत्यारी पटाखा फैक्ट्री में कितने बड़े पैमाने पर बारूद का स्टॉक किया गया होगा। इसका पता आज जब इस फैक्ट्री में विस्फोट हुए, तब चला। फैक्ट्री में लगी इस आग के धमाके इतने तेज थे कि जहां लोगों के घरों के कांच टूट गए, जमीन हिलने लगी और इसके धमाके ४० कि.मी दूर तक सुनाई दिए। सिवनी मालवा, रहटगांव, करताना, छीपानेर तक के लोगों ने फोन लगा-लगाकर इस धमाके के बारे में जानकारी एकत्रित की।

पंद्रह दिन बाद होता हादसा, तो जल जाता क्षेत्र

पटाखा फैक्ट्री में हुआ यह दर्दनाक हादसा यदि पंद्रह दिन बाद होता तो इतनी बड़ी आगजनी की घटना होती कि इस पर काबू पाना किसी के भी वश में नहीं होता। वर्तमान में अभी गेहूं की फसल पककर तैयार नहीं हुई है। आज हुए इस हादसे में एक-एक किलोमीटर दूर जाकर पटाखे और मलवा खेतों में फिकाया है। यदि फसल पककर तैयार होती तो खेतों में आग लगना निश्चित था। यदि यह घटना बाद में होती तो बड़ी आगजनी की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था।

हमीदिया अस्पताल पहुंचकर सीएम ने की घायलों से मुलाकात

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव मंगलवार शाम को भोपाल के हमीदिया अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने इमरजेंसी विभाग और आईसीयू में हरदा हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल पूछा। सीएम ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने की कामना की। उन्होंने डॉक्टरों को घायलों के उपचार के निर्देश दिए।

दोषियों को नहीं छोड़ेंगे : सीएम

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरदा में हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद अपना छिंदवाड़ा दौरा स्थगित कर दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुई आगजनी की घटना हृदयविदारक है। इस घटना की गंभीरता से दृष्टिगत इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। मैंने आज छिंदवाड़ा से लेकर अहरवाड़ा गांव का रात्रि प्रवास कार्यक्रम स्थगित किया है। हम आगजनी की घटना के दोषियों को नहीं छोड़ेगे। राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी। घायलों को राहत और उपचार प्रदान करना हमारी पहली प्राथमिकता है।

परिवारों तक पहुंचाए सहायता राशि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को चार-चार लाख रूपए की राशि, गंभीर घायल व्यक्ति के लिए दो लाख रूपए की राशि और साधारण रूप से घायल व्यक्ति के लिए 50 हजार की राशि सहायता स्वरूप देने का निर्णय हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिवार के लिए दो-दो लाख रूपए और घायल व्यक्ति के लिए 50 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की है। हरदा में हादसे से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 9 जिलों से विभिन्न संसाधनों की व्यवस्था की गई है।

हादसे पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख

हरदा में हुए इस दर्दनाक हादसे पर राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मु ने दुख जताते हुए टवीट किया कि हरदा में आग लगने से अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतृप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के हरदा में एक पटाखा फैक्ट्री में दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु से व्यथित हूं। उन सभी के प्रति अपनी संवेदना जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है। जो घायल हैं वह शीघ्र ठीक हो। स्थानीय प्रशासन घायलों की सहायता कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से २ लाख रुपए दिए जाएंगे। गंभीर रूप से घायलों को १ लाख और ५० हजार की सहायता की जाएगी।

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