अनोखा तीर, खरगोन। जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने पुलिस प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है शराब के नशे में अनियंत्रित गति से वाहन चलाना। इसके साथ ही बिना ट्रेनिंग नाबालिगों के हाथ में वाहन देना। सड़क पर होने वाली दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर वाहन चलाना है। आज शहर के बाबडी बस स्टेंड पर दोपहर में एक तेज रफ्तार डंफर ने बाइक को जबरदस्त टक्कर मार दी। इस दौरान बाइक सवार एक महिला और 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। जबकि बाइक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया है। घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। जिसके बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से महिला और बच्ची के शव को जिला अस्पताल भेजा। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। दोनों मृतक बेसरकुण्ड के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग
पिछले कुछ दिनों से शहर की सड़कों पर अनेक दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इसकी मुख्य वजह है कि यातायात संकेतक एवं स्पीड ब्रेकर का न होना है। इस कारण इन जगहों से गुजरने वाले वाहन तेज गति से निकलते हैं। जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। वार्ड के पार्षद रियाजुद्दीन शेख ने बताया कि मेरे द्वारा नगर पालिका की बैठको में लगातार वाहनों की गति नियंत्रित करने स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे।
शहर को बायपास की सख्त जरूरत
शहर 22 लाख आबादी वाला यह क्षेत्र यातायात की दृष्टि से सीधे गुजरात, महाराष्ट्र से जुड़ा है। ऐसे में यहां बायपास की सख्त जरूरत वर्षों से महसूस की जा रही है। हर चुनावी सीजन में जनप्रतिनिधि बायपास के सपने दिखाते हैं लेकिन काम नहीं हो रहा। आलम यह है कि शहर की अंदरूनी मुख्य सड़कों पर वाहनों की रेलमपेल रहती है। आवागमन बाधित होता है। हादसे भी बढ़ गए हैं। जिले से होकर गुजर रहे चित्तौढगढ़़-भुसावल राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने के साथ ही जिला मुख्यालय सहित पांच बायपास मार्ग स्वीकृत हुए 5 साल बाद भी यह सुविधा आकार नहीं ले पाई है। पांच अलग-अलग दिशाओं से आने वाले प्रमुख मार्ग जिला मुख्यालय पर शहर के मध्य से होकर ही गुजरते हैं। इन मार्गों पर चलने वाले भारी वाहन शहरी क्षेत्र पर गुजरने से सामान्य यातायात को प्रभावित करते हैं, वहीं दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। साथ ही मल्टी एक्सेल वाहनों को शहर के बीच से गुजरने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से मुक्ति के लिए जिला मुख्यालय पर बायपास मार्ग जरूरी है।
यातायात होता है प्रभावित
शहर के नरेंद्रसिंह चावला ने बताया पांच अलग-अलग दिशाओं से आने वाले प्रमुख मार्ग जिला मुख्यालय पर शहर के मध्य से होकर ही गुजरते हैं। इन मार्गों पर चलने वाले भारी वाहन शहरी क्षेत्र पर गुजरने से सामान्य यातायात को प्रभावित करते हैं। वहीं दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। साथ ही मल्टी एक्सेल वाहनों को शहर के बीच से गुजरने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से मुक्ति के लिए जिला मुख्यालय पर बायपास मार्ग जरूरी है। बायपास की सुविधा हो तो भारी वाहन शहर में नहीं आएंगे। हादसे व जाम के चलते आम नागरिकों को शहर की सड़कों पर जुझना पड़ता है। यातायात प्रभावित होता है। बायपास हो तो समय की बचत होगी। समय पर गंतव्य तक भी पहुंचा जा सकता है। बायपास बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी वहीं सड़क दुर्घटनाओं पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा।
Views Today: 2
Total Views: 74