आणंद- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के आणंद में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के 66वें दीक्षान्त समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि अगर सरदार पटेल ना होते तो देश का अस्तित्व ही नहीं होता। उन्होंने कहा कि अग्रेज़ों के भारत से जाने के बाद पूरी दुनिया को लगता था कि हमारा देश बिखर जाएगा, लेकिन सरदार पटेल ने सभी रियासतों को मिलाकर भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। उन्होंने कहा कि विभाजन की विभीषिका और मुश्किलें सहन करने वाले लोगों से मिलने पर पता लगता है कि सरदार पटेल कौन हैं। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरे देश में शरणार्थियों की चिंता और सुरक्षा की। उन्होंने कहा कि आज जोधपुर, जूनागढ, हैदराबाद और लक्षद्वीप अगर भारत का हिस्सा हैं तो सिर्फ सरदार वल्लभभाई पटेल के कारण है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर सरदार साहब का सपना पूरा करने का काम किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा, ये देखकर दुख होता है कि आजादी के बाद लंबे समय तक सरदार साहब द्वारा किए गए कार्यों को जिस प्रकार का यश, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसे विराट व्यक्तित्व को भारत रत्न भी नहीं दिया गया और उन्हें सम्मान देने के हर प्रयास के रास्ते में मुश्किलें पैदा की गईं। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद सरदार पटेल जी की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा केवड़िया में बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की ये विराट प्रतिमा गुजरात के सभी पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को सबसे अधिक आकर्षित करने वाला स्थान है।
अमित शाह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों से कहा कि आप सब भाईकाका द्वारा स्थापित की गई सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से शिक्षा लेकर जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरदार साहब ने देश की एकता और अखंडता की नींव डालने का काम किया। उन्होंने कहा कि यहां से डिग्री लेकर जा रहे सभी छात्रों को याद रखना चाहिए कि सरदार पटेल और भाईकाका इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के साथ जुडे हुए हैं और छात्रों को हमेशा इन दोनों हस्तियों को याद रखना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह इसीलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष हमारी आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं और पूरे देश ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में हर इमारत पर तिरंगा फहराकर हमने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सामने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सामने आजादी के अमृत महोत्सव से 2047 में आजादी के शताब्दी महोत्सव तक अगले 25 साल में भारत को विश्व में हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ और सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि ऐसे भारत की रचना करने का समय यानि आजादी का अमृतकाल 2023 से 2047 तक के 25 वर्ष हैं। अमित शाह ने कहा कि कई छात्र अमृतकाल के शुरुआती वर्ष में अपनी शिक्षा पूर्ण कर प्रोफेशनल करियर में आगे बढ रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि आज यहां से 15,754 छात्र ग्रेज्युएट होकर निकलेंगे, 106 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिले हैं जिनमें से 62 गोल्ड मेडल छात्राओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि 106 में 62 गोल्ड मेडल छात्राओं को मिलना ये बताता है कि देश के पुनर्निर्माण और विकास में पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी बहुत बड़ा योगदान दे रही हैं।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम सबसे अमृतकाल में अमृत संकल्प लेने का आहवान किया है। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को अपने जीवन में छोटा सा एक संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि संकल्प आप के व्यक्तित्व को बनाने का काम करता है। उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड लोगों के छोटे छोटे संकल्प मिलकर महान भारत की रचना करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत देश के युवाओं के लिए हर क्षेत्र में नई संभावनाएं खोली हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय करते हुए संभव की सीमा जानने के लिए असंभव लक्ष्य रखना चाहिए, तभी संभव की सीमा को जाना जा सकता है। अमित शाह ने कहा कि हमें शुरूआती असफलता से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि हर सफलता की शुरुआत असफलता से ही होती है और असफलता पार किए बिना किसी को सफलता प्राप्त नहीं होती।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 में जिस विकसित भारत के निर्माण की कल्पना की है, ऐसे भारत के निर्माण के लिए हमें Voice of Youth, Choice of Youth, Aspirations of Youth और Power of Youth पर विश्वास रखना होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीति Voice of Youth को सुनने, Choice of Youth को समझने, Aspirations of Youth को मंच देने और Power of Youth पर विश्वास करने की है। उन्होंने कहा कि भविष्य के भारत का निर्माण देश के युवाओं द्वारा हो, इस विश्वास के साथ प्रधानमंत्री ने कई योजनायें शुरू की हैं। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में सरदार पटेल की राष्ट्रवादी शिक्षा, महात्मा गांधी की मातृभाषा में शिक्षा, अंबेडकर की Empowering की शिक्षा और अरबिंदो के ज्ञान के शिक्षण को एक होलिस्टिक अप्रोच के साथ रखने का काम किया हैा उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में तकनीक के साथ अर्थशास्त्र, मेडिकल के साथ एथिक्स, कॉमर्स के साथ कला का अध्ययन और इन सभी में एक ह्यूमन टच का अनुभव देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इन नीति के तहत भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल सहित शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने कई प्रकार के नए शिक्षा संस्थानों को खोलने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि पहले 50 देश में केन्द्रीय यूनिवर्सिटी थी, अब 56 है, उच्च शिक्षण संस्थान 51,000 थे अब 58,000 हैं, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान 75 थे, अब 165 हैं, स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी 316 थीं, अब 480 हैं, टेक्निकल यूनिवर्सिटी 90 थीं, अब 190 हैं और कॉलेजों की संख्या 43,000 हो गई है। अमित शाह ने कहा कि स्किलिंग, अपस्किलिंग और रिस्किलिंग के लिए भी बहुत काम किया गया है। आईटीआई में 4,000 नई सीटें बनी हैं और 11 नए आईटीआई खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि 2014 में देश में 400 स्टार्टअप थे, जो आज बढ़कर 2 लाख से अधिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में यूनिकॉर्न स्टार्ट अप 4 थे जो 111 हो गए हैं। अमित शाह ने कहा कि इन सबमें 44 प्रतिशत योगदान महिलाशक्ति का है और देश के टीयर-2 और 3 शहरों में 50 प्रतिशत से ज्यादा स्टार्ट अप हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी मेक-इन-इंडिया के मंत्र के साथ PLI योजना लाए जिससे दुनियाभर में भारत उत्पादन का केन्द्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 सालों में FDI में बहुत वृद्धि हुई है। ग्रीन हाईड्रोजन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, अंतरिक्ष, डिफेन्स मेन्युफेक्चरिंग और ड्रोन जैसे क्षेत्रों में नई नीतियां बनाकर देश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का काम मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि वायब्रन्ट गुजरात के 20 सालों में गुजरात भी औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
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