मध्य प्रदेशहरदा

कौन बनेगा हरदा का सरताज, फैसला 3 को

कौन कहां कमजोर, तो कहां भारी

 

नितेश गोयल, हरदा। लंबे इंतजार के बाद विधानसभा चुनाव के एकजिट पोल जारी हो गए हैं। मतगणना को अब गिनती के तीन दिन हैं। कोई भी एकजिट पोल मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा को स्पष्ट रूप से सरकार बनाता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। प्रदेश स्तर पर भी कांग्रेस-भाजपा में कांटे का मुकाबला होता दिख रहा है। यही स्थिति हरदा विधानसभा की भी दिखाई दे रही है। हरदा विधानसभा में मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल का कांग्रेस के आरके दोगने से है। दोनों ही उम्मींदवार पिछले दस वर्षों में तीसरी बार आमने-सामने हुए हैं, जहां वर्ष 2013 में कांग्रेस के डॉ.आरके दोगने को जीत मिली थी, वहीं वर्ष 2018 में भाजपा के कमल पटेल ने जीत हासिल की थी। इस बार के चुनाव में १ लाख ९५ हजार १८५ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। गत वर्ष के चुनाव से 20 हजार से अधिक मत इस बार अधिक डले हैं। दोनों ही दल अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा के कार्यालय में तो नोटिस बोर्ड पर 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद विजयी जुलूस निकालने की घोषणा भी कर दी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेसियों द्वारा भी अपनी जीत को पक्का मानकर विजयी जुलूस सहित गांव-गांव जाकर मतदाताओं का आभार व्यक्त करने की भी योजना बनाई जा रही है। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस और भाजपा से यही दोनो प्रत्याशी थे, दोनों ही चुनाव के ग्रामबार एवं बूथबार सर्वे करने पर यह बात निकलकर सामने आई है कि कुछ गांवों में तो वर्ष २०१३-१८ में ग्रामीणों का वोटिंग करने का तरीका एक ही तरह से था। कोई कांग्रेस को जिता रहा था, तो कोई भाजपा को, लेकिन कुछ गांव और हरदा शहर की वोटिंग में जो दोनों ही चुनाव में बदलाव दिखाई दिया। जिससे चुनाव के परिणाम ही बदल गए।

कहां पर किसका पलड़ा भारी

वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में हंडिया बेल्ट ने प्रत्याशियों की जीत-हार में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2013 में इस बेल्ट से डॉ.आरके दोगने को बढ़त मिली थी, जो अंत तक बरकरार थी। वहीं वर्ष 2018 में वोटरों का मिजाज बदल गया था। इस बार उन्होंने भाजपा के कमल पटेल पर पुन: भरोसा दिखाकर उन्हें बढ़त दिलाई थी, जो उनकी जीत का कारण बनी थी। इस बार की स्थिति देखें तो, इस बेल्ट में भाजपा ने अत्यधिक मेहनत की है। भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल के सामाजिक वोटों का प्रतिशत भी यहां पर ज्यादा है। इसलिए कहा जा सकता है कि इस बेल्ट में वर्ष 2018 जैसे ही परिणाम आ सकते हैं। हंडिया बेल्ट के बाद हम बात करें हरदा शहरीय मतदाताओं की तो वर्ष 2013 में भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल को हरदा शहर से ३ हजार से अधिक वोटों से बढ़त प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं वर्ष 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी श्री दोगने को हरदा शहर से 1500 से अधिक बढ़त प्राप्त हुई थी, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। इस बार के चुनाव में हरदा शहर का मिजाज भापने की कोशिश की तो इस बार के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। अब हम तीसरे बेल्ट की बात करें तो वह मगरधा क्षेत्र के गांवों का आता है। इस क्षेत्र में दोनों ही चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्री दोगने को बढ़त मिलती हुई दिखाई दी है, लेकिन कुछ गांव एकतरफा भाजपा के पक्ष में भी गए हैं। जिसमें कनारदा, सिरकम्बा, नकवाड़ा, बालागांव, मगरधा शामिल है। इस क्षेत्र के अधिकांश गांवों में वोटिंग ट्रेड एक जैसा ही रहा है। लेकिन इस बार हो सकता है कि इस ट्रेड में कुछ बदलाव आए। अब हम बात करें सोनतलाई क्षेत्र की तो इन गांवों में पिछले दोनों चुनाव में वोटिंग ट्रेड बदलता हुआ दिखाई दिया है। इस बार कांग्रेस को उम्मींद है कि इस क्षेत्र से उन्हें अच्छी बढ़त प्राप्त होगी। अब हम बात करें खिरकिया शहर और उसके अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों की तो वर्ष 2013-18 के चुनाव में इस क्षेत्र का झुकाव ज्यादातर भाजपा की तरफ ही रहा है। लेकिन इस बार कांग्रेस का कहना है कि हम यहां से सबसे अधिक बढ़त से जीत रहे हैं। उन्होंने इसका कारण भी बताते हुए कहा कि इस बार जो हमें सामाजिक बल इस क्षेत्र से प्राप्त हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र से बढ़त दिखाई दे रही है।

राउंडबार क्या कहते हैं आंकड़े

इस बार के चुनाव में 20 राउंड में मतगणना संपन्न होगी। वर्ष 2018 से इस बार हरदा शहरीय क्षेत्र में २ मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। वर्ष 2013 और 18 की बात करें तो पहले राउंड में कांग्रेस के श्री दोगने को जीत मिली थी, हालाकि 2013 की अपेक्षा श्री दोगने कम मतों से जीते थे। वहीं दूसरे राउंड की बात करें तो वर्ष 2018 में भाजपा के कमल पटेल ने यहां से लगभग १ हजार से अधिक मतों से अपनी बढ़त बनाई थी। वहीं 2013 में श्री दोगने ने लगभग 200 मतों की बढ़त बनाई थी। तीसरे राउंड की बात करें तो तीसरे राउंड के अंतर्गत आने वाले गांव रेल्वा, अजनास, खेड़ा और हंडिया में जहां 2013 में श्री दोगने जीते थे, वहीं 2018 में कमल पटेल को जीत मिली थी। वहीं चौथे राउंड की बात करें तो इसके अंतर्गत आने वाले सामरधा, कोलवा, खेड़ीनीमा सहित अन्य गांवों में वर्ष 2013 में कमल पटेल को लगभग 600 मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं 2013 में श्री दोगने को चाथे राउंड में 650 मतों की बढ़त मिली थी। पांचवे राउंड की बात करें तो 2018 में अबगांव कला, भुन्नास, कचबेड़ी, झालवा से कमल पटेल को लगभग 600 मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं 2013 में पांचवे राउंड में कमल पटेल को लगभग ९२ वोट की बढ़त मिली थी। छटवे राउंड की बात करें तो भुवनखेड़ी, सोनखेड़ी, अबगांवखुर्द, हरदाखुर्द सहित अन्य गांवों में वर्ष २०१८ में कमल पटेल को लगभग ११०० वोटों की बढ़त मिली थी। वर्ष २०१३ के छटवे राउंड में कमल पटेल को १४०० से अधिक बढ़त प्राप्त हुई थी। सातवें राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में हरदा शहर के वार्डों में श्री पटेल को ८५० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में सातवें राउंड में १०० से अधिक मतों से कमल पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी।

आठवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में हरदा शहर के वार्डों में श्री दोगने को ५०० से अधिक मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में आठवे राउंड में कांग्रेस को २०० से अधिक मतों से बढ़त प्राप्त हुई थी।

नवमें राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में हरदा शहर के वार्डों में श्री पटेल को १००० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में नवमें राउंड में कमल पटेल को ५०० से अधिक मतों से बढ़त प्राप्त हुई थी।

दसवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में हरदा शहर के वार्ड में श्री दोगने को २५० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में दसवें राउंड में १८५५ से अधिक मतों से श्री दोगने को बढ़त प्राप्त हुई थी।

ग्यारहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री दोगने को ११०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में ग्यारहवे राउंड में दोगने को १९०० से अधिक मतों से बढ़त प्राप्त हुई थी।

बारहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री दोगने को १००० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में बारहवे राउंड में २०० से अधिक मतों से श्री दोगने को बढ़त प्राप्त हुई थी।

तेरहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री पटेल को ९०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में तेरहवे राउंड में २०० से अधिक मतों से श्री पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी। इसमें एक बात यह है कि तेरहवे राउंड में जहां झल्लार, झिरी, मगरधा, बरखेड़ी, सिरकंबा, नकवाड़ा ग्राम वर्ष २०१८ के राउंडबार चुनाव में आ रहे हैं। वहीं वर्ष २०१३ के चुनाव में राउंड तेरह में पड़वां, बम्हनगांव, रोलगांव, बीड़, केलनपुर, पलासनेर आ रहे हैं।

चौदहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री पटेल को १००० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में चौदहवे राउंड में ३०० से अधिक मतों से श्री पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी।

२०१३ के गांवों की बात करें तो इसमें सक्तापुर, बरंगा, खमलाय, बडनगर, झांझरी, धनवाड़ा, मांदला आ रहे हैं, वहीं २०१८ में बम्हनगांव, रोलगांव, पलासनेर, मसनगांव आ रहे हैं।

पंद्रहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री पटेल को १३०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में पंद्रहवे राउंड में ६०० से अधिक मतों से श्री पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी। २०१३ के गांवों की बात करें तो इसमें बाफला-लोनी से लेकर खिरकिया शहर का एक वार्ड आ रहा है। वहीं २०१८ में बडनगर, झांझरी, देवपुर आदि गांव आ रहे हैं।

सोलहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में खिरकिया के लगभग ११०० मतों से श्री पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में सोलहवे राउंड में ८०० से अधिक मतों से श्री पटेल को बढ़त प्राप्त हुई थी। २०१८ में सोलहवे राउंड में जहां मांदला, बाफला, मुहाल, नीमसराय आ रहे हैं, वहीं २०१३ में खिरकिया शहर के वार्ड आ रहे हैं।

सत्रहवें राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री पटेल को लगभग ११०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में सत्रहवे राउंड में ९७५ से अधिक मतों से श्री दोगने को बढ़त प्राप्त हुई थी। २०१३ में पोखरनी, पड़वां, शोभापुर, चारुवा जैसे गांव आ रहे हैं। वहीं २०१८ में खिरकिया के वार्ड आ रहे हैं।

अठारहवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री पटेल को १३०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वहीं वर्ष २०१३ में अठारहवे राउंड में ६०० से अधिक मतों से श्री दोगने को बढ़त प्राप्त हुई थी। २०१३ में अठारहवे राउंड अंतर्गत सोनपुरा, रुनझुन, प्रतापपुरा, मोरगढ़ी, जूनापानी गांव आए थे, वहीं २०१८ में खिरकिया के वार्ड एवं पोखरनी पड़वां, शोभापुर, चारुवा आ रहे हैं। उन्नीसवे राउंड की बात करें तो वर्ष २०१८ में श्री दोगने को लगभग १५० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। वर्ष २०१३ में सिर्फ १८ राउंड ही हुए थे। वहीं बीसवे राउंड में वर्ष २०१८ में कमल पटेल को लगभग ४०० मतों की बढ़त प्राप्त हुई थी। हमारे द्वारा दिए गए यह सभी आंकड़े बिल्कुल निश्चित नहीं है। टंकड़ में त्रुटि हो सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker