महापर्व छठ : भगवान भास्कर को गंगाजल से दिया अर्घ्य

 

अनोखा तीर, खंडवा। महापर्व छठ की छटा रविवार शाम आबना नदी के गणगौर घाट व सूरजकुंड घाट पर छाई रही। व्रती महिला-पुरुषों ने घर के बने पकवान और फल-फूल से आबना के तट गंणगौर घाट पर गंगाजल से अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। इसके लिए बिहार से मां गंगा का जल वह पूजा की अन्य सामग्री भक्तों ने बुलाई थी। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि सोमवार सुबह 6 बजे उगते सूर्य का गाय के दूध से अर्घ्य के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व व्रत का समापन होगा। रविवार शाम साढ़े तीन बजे से ही घाट पर कांचहि बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…, दर्शन दीहीं ना अपन ये छठी मइया… जैसे गीत गूंज उठे। गणगौर घाट पर गन्ने के मंडप के नीचे माता की वेदी बनाकर भक्तों ने भगवान सूर्य की आराधना की। बांस से बने डाल और सूप में प्रसाद रखकर माता की पूजा हुई। माता को ठेकुआ आटा और गुड से बना प्रसाद, सूखा और कच्चा नारियल, छुहारा, किशमिश, काजू, पंचमेवा, सेव, केला, अनार, गन्ना, नारंगी, अमरूद, नाशपती, शकरकंद, सीताफल समेत मौसमी फल का भोग लगाया। महापर्व छठ पूजा समिति के एसजे श्रीवास्तव ने बताया घाट पर पूजन के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। घाट पर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने सफाई एवं बिजली विभाग ने प्रकाश की अच्छी व्यवस्था की। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि आयोजित छठ पूजा महापर्व मैं गणगौर घाट पर महापौर अमृता अमर यादव, भाजपा प्रत्याशी कंचन मुकेश तनवे, एसडीएम अरविंद चौहान, समाजसेवी सुनील जैन महादेवगढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल, माधव झा आशीष चटकले, धर्मेंद्र बजाज सुनील बंसल ने भी पूजा अर्चना कर सामाजिक बंधुओं को पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की, इस अवसर पर महापौर अमृता यादव ने सभी सामाजिक बंधुओं को छठ पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि उत्साह के साथ प्रतिवर्ष घाट पर यह पर्व मनाया जाता है इसमें नगर निगम प्रशासन द्वारा भी साफ-सफाई प्रकाश व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। हमने भी आज घाट पर पहुंच कर पूजा अर्चना कर दीप जलाए और सूर्य देवता को जल चढ़ाया, दो ही दिन नहीं 365 दिन सूर्य देवता को जल चढ़ाने से मन को शांति एवं पुण्य की प्राप्ति होती है। महापर्व छठ पूजन के आयोजन में समिति अध्यक्ष एस जे श्रीवास्तव, सुधीर शर्मा, संतोष शर्मा, सुभाष सिंह, आलोक तिवारी, अभिजीत तिवारी, रणजीत सिंह, अंकित सिंह, किशोरी प्रसाद ,अभिषेक सिंह, प्रशांत शर्मा, हरेंद्र नाथ ठाकुर का सहयोग रहा। लगभग 40 परिवारों से भी अधिक परिवारों ने घाट पर पूजा अर्चना की । छठ महापर्व का महात्म्य – द्रौपदी ने भी किया था छठ, तब मिला था पांडवों को खोया राज्य वाल्मीकि रामायण के अनुसार जो सूर्य की आराधना करता है, उसे दु:ख नहीं भोगना पड़ता है। कुष्ठ या अन्य चर्म रोग होने पर सूर्य उपासना करने वालों को इससे मुक्ति मिलती है। पुत्र व सौभाग्य के लिए छठ व्रत रखने की महत्ता है। कहा जाता है महाभारत काल में द्रौपदी ने यह व्रत किया था, इससे पांड़वों को खोया राज्य मिला। श्री कृष्ण के पुत्र राजा शाम्ब को भी सूर्य की आराधना से कुष्ठ से मुक्ति मिली थी, एसजे श्रीवास्तव ने बताया कि छठ महापर्व के इस चार दिवसीय पर्व का समापन सोमवार को गणगौर घाट पर प्रात: 6 बजे उगते सूर्य को गाय के दूध से अर्घ्य चढ़ाया जाएगा एवं पूजा अर्चना की जाएगी।

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