नई दिल्ली- केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मंत्रालय और इसके संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ‘एमएसएमई पवेलियन’ का उद्घाटन किया। एमएसएमई पवेलियन का उद्घाटन नई दिल्ली के प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में किया गया है।
इस वर्ष 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में एमएसएमई मंडप भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च की गई एमएसएमई मंत्रालय की प्रमुख योजना “पीएम विश्वकर्मा” थीम पर आधारित है। राणे ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों, जिन्हें ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है, के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वकर्मा इस देश के निर्माता हैं।
राणे ने उद्घाटन समारोह में कहा कि यह मेला एमएसएमई उद्यमियों, विशेष रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा आकांक्षी जिलों के उद्यमियों को अपने कौशल/उत्पादों को दिखाने और विकास के नए अवसर पैदा करने का मौका देगा।
इस बार 85 प्रतिशत से अधिक स्टॉल पहली बार भाग लेने वाले को आवंटित किए गए थे। 64 एमएसई ने देश के आकांक्षी जिलों का प्रतिनिधित्व किया। 66 प्रतिशत स्टॉल महिला उद्यमियों को तथा 55 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के उद्यमों को नि:शुल्क आवंटित किए गए। इस मंडप में 29 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व था।
राणे ने एमएसएमई मंडप में विभिन्न एमएसएमई प्रदर्शकों से भेंट की, जहां एमएसएमई उद्यमी वस्त्र, हथकरघा, कढ़ाई कार्य, कस्टम टेलरिंग, हस्तशिल्प, रत्न और आभूषण, चमड़े के जूते, खेल और खिलौने, बांस शिल्प, बेंत की वस्तुएं, फर्नीचर, सिरेमिक और मिट्टी के बर्तन, खाद्य उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, रासायनिक उत्पाद, यांत्रिक वस्तुओं आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
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