एनजीटी कोर्ट का सख्त रुख….. साढ़े 3 करोड़ का जुर्माना ठोक ईडी को जांच का आदेश

 

 

अनोखा तीर, हरदा। जिले की टिमरनी तहसील क्षेत्र के ग्राम अंधेरीखेड़ा में मिट्टी का बेतहाशा खनन करने के मामले में फोरलेन हाइवे बना रही पाथ इंडिया कंपनी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। दरअसल, खनन मामले में एनजीटी कोर्ट भोपाल ने कंपनी पर सख्त रूख इख्तियार किया है, वहीं कंपनी पर अवैध उत्खनन के मामले में 3 करेाड़ 49 लाख 74 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया है। साथ ही संपूर्ण मामले की जांच प्रवृतन निदेशालय ईडी से कराए जाने का आदेश पारित किया हैं। अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि पिछले लंबे समय से जिले के टिमरनी तहसील के ग्राम भादूगांव, टेमागांव एवं अंधेरीखेड़ा में पाथ इंडिया कंपनी ने हाईवे बनाने के लिए नियमों को लगातार ताक पर रखा। वहीं अपने स्वार्थ के चलते पर्यावरण को गहरा आघात पहुंचाने के साथ साथ शासकीय एवं खेतीहर जमीन के अलावा गंजाल नदी में अवैध उत्खनन जोरों से किया गया। इस अवैध गतिविधी को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने किसान संगठन की अगुवाई में खुदाई स्थल के पास धरना दिया था। बावजूद प्रशासन की तरफ से संतोषजनक कार्रवाई ना होने की दशा में किसानों को न्यायालय की शरण लेना पड़ा। अधिवक्ता श्री जाट ने बताया कि ग्राम टेमागांव के किसान राजेश यादव, प्रेम नारायण किरार और सुखराम ने अधिवक्ता उर्वशी मिश्रा एवं आयुष गुप्ता के माध्यम से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी भोपाल में नेशनल हाईवे, हरदा कलेक्टर, पाथ इंडिया कंपनी, प्रदूषण बोर्ड, खनिज विभाग के विरुद्ध याचिका दायर की थी। मामले में एनजीटी ने एक जांच कमेटी भी गठित की थी। श्री जाट ने बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट में उत्खनन के साक्ष्य पाए गए। उन्होंनें यह भी बताया कि मामले में 24 अगस्त को सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरूवार 19 अक्टूबर को पारित किया गया। अधिवक्ता के मुताबिक एनजीटी के करीब 102 पेज के निर्णय में पाथ इंडिया कंपनी पर अवैध उत्खनन के मामले में करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये जुर्माने का आदेश दिया है।

तीन माह में जमा करें राशि

जारी आदेश में उल्लेखित है कि एनजीटी द्वारा अधिरोपित जुर्माना पाथ इंडिया कंपनी को तीन माह में मध्य प्रदेश पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड में जमा करना है। अगर निर्धारित समयावधि में राशि जमा नहीं की जाती है तो पाथ इंडिया कंपनी के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही प्रारंभ करने का संकेत दिया है।

ईडी से जांच के आदेश

मामले में एनजीटी कोर्ट की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन तथा कमेटी की रिपोर्ट अथवा सभी पक्षों को सुनने के बाद संबंधित पाथ हंडिया कंपनी पर कार्रवाई की गाज गिरी है। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण अधिनियम 1986 अंतर्गत कंपनी के विरुद्ध प्रवृतन निदेशालय ईडी से जांच कराने का आदेश दिया है।

 

… तो उजागर होगी अनदेखी

मामले में ईडी की जांच का आदेश जारी होने के बाद अधिवक्ता अनिल जाट ने इसे किसानों के संषर्घ की जीत करार दिया है। आदेश में यह जिक्र भी है कि कंपनी लिखित में सहमति प्रदान करें कि भविष्य में इस प्रकार का कृत्य नहीं करेगी। बता दें कि यह पहला मामला है, जब जिले में किसी मामले को लेकर ईडी की जांच प्रस्तावित की गई है। उन्होंनें यह आशंका भी जताई कि अगर ईडी की जांच सही दिशा में गई तो मामले में कई लोगों की लापरवाही व अनदेखी उजागर होने के आसार हैं। क्योंकि पाथ इंडिया कंपनी ने बेखौफ होकर जो अवैध उत्खनन किया, उस पर जिम्मेदारों ने अपनी चुप्पी साध रखी थी। जबकि मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन समेत स्थानीय किसानों ने मोर्चा खोल रखा था।

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