गड्डों में सडक़ या सडक़ पर गड्डे कुछ ऐसे हालात से गुजर रहा भैरूंदा संदलपुर मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा कागजों में सिमटी, नहीं हुआ अभी तक कोई अमल

भैरूंदा। इंदौर व देवास जैसे महानगरों तक पहुंचने के लिए लोगों को मुश्किल भरा सफर तय करना पड़ रहा हैं। भैरूंदा से संदलपुर तक 40 किमी. सडक़ मार्ग की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी हैं कि आये दिन हादसे का डर बना रहता हैं। सडक़ पर एक से डेढ़ फिट के गहरे गड्डों के कारण 30 किमी. का सफर तय करने में दो घंटे से भी अधिक का समय लग रहा हैं, जबकि उक्त मार्ग को राष्ट्रीय मार्ग घोषित किया जा चुका हैं। लेकिन घोषणा के बाद से लेकर अब तक इस सडक़ मार्ग पर कोई भी काम शुरु नहीं हो सका हैं। कुछ ऐसे ही हालात बुदनी से भैरूंदा सडक़ के भी बने हुए हैं। हालांकि इस मार्ग पर निर्माण एजेंसी द्वारा काम की शुरुआत तो कर दी हैं, लेकिन कार्य धीमी गति से संचालित होने के कारण 50किमी. होशंगाबाद पहुंचने में भी यात्रियों को ढाई से तीन घंटे का समय लग रहा हैं। उक्त सडक़ का निर्माण भोपाल की शेपर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है, जो कि प्रथम चरण में अभी महज सडक़ के दोनो साइड खुदाई कर उसे चौड़ा करने में लगी हैं। यहां भी सडक़ की स्थिति ठीक न होने से वाहन हिचकोले खाते हुए होशंगाबाद पहुंच रहे हैं। ज्ञातव्य हैं कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले 90 किलोमीटर लंबे बुधनी- संदलपुर मार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत भैरूंदा से संदलपुर सडक़ पर देखने को मिल रहे हैं। सफर के दौरान वाहन चालकों को वाहनों में होने वाली टूट-फूट के साथ ही दुर्घटना होने का भय बना रहता है। बुधनी से इंदौर, उज्जैन, देवास व इंदौर से नागपुर, रायपुर जाने के लिए अधिकांश वाहन चालक इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। लेकिन सडक़ के गड्डों में तब्दील होने के बाद बाहरी वाहनों की संख्या में एकाएक कमी आते जा रही है। यातायात को सुगम बनाने के लिए सडक़ की मरम्मत को लेकर भी जमीनी स्तर पर कोई काम देखने को नहीं मिल रहा है। जिससे सफर के दौरान तकलीफ कम होने का नाम नहीं ले रही।

15 वर्ष पूर्व हुआ था सडक़ का निर्माण

बुदनी से संदलपुर 90 किमी. सडक़ का निर्माण वर्ष 2008-09 में दिल्ली की एनकेजी कंपनी द्वारा 135 करोड़ की लागत से किया गया था। इस सडक़ की समय-समय पर मरम्मत हो सके, इसके लिए नंदगांव में टोल नाका भी स्थापित किया गया था, टोल की अवधि समाप्त होने तक सडक़ की देखरेख होती रही, लेकिन टोल हटने के बाद से लेकर अब तक इस सडक़ की मरम्मत के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी ही देखने को मिली। अब तो हालात बद से बदत्तर हो चुके हैं। बुधनी से इंदौर को जोडऩे वाली सडक़ को लेकर विभागीय अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। उन्हें लोगों की जान-माल से कोई सरोकार नहीं है। जिसके चलतें इस सडक़ पर आए दिन हादसों का अंदेशा बना हुआ हैं। सडक़ो पर बड़े-बड़े गड्डे हो जाने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

165 किलोमीटर का सफर 6 घंटे में हो रहा तय

सडक़ की खराब स्थिति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि नसरुल्लागंज से इंदौर 165 किलोमीटर का सफर तय करने में साढ़े छह घंटे का लंबा समय व नसरुल्लागंज से संदलपुर 40 किलोमीटर के सफर में 3 घंटे, नसरुल्लागंज से से होशंगाबाद 55 किलोमीटर का सफर 3 घंटे, नसरुल्लागंज से हरदा 70 किलोमीटर का सफर 4 घंटे में तय हो रहा हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा, कागजों में प्रक्रिया

पिछले दिनो केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर बुधनी से संदलपुर सडक़ को राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल करने की घोषणा की। इसके अलावा बुधनी से शाहगंज,बाड़ी होते हुए बरेली को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल किया गया हैं। घोषणा के बाद से ही राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रक्रिया कागजों में हैं और सडक़ निर्माण में लंबा समय लगने की संभावना हैं। ऐसे में आम जनता को लंबे समय तक जर्जर सडक़ो से जूझना पड़ेगा।

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