अनोखा तीर, हरदा। घर में होने वाली छोटी मोटी लड़ाई और बेरोजगारी के चलते एक युवक ने अपने आप को घर के कमरे में बंद कर फांसी पर झूलकर जान देने की चेष्टा कर रहा था। तब किसी देवदूत की तरह हरदा पुलिस ने पहुंचकर उस युवक की जान बचाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बस स्टैंड क्षेत्र में रहने वाले राहुल डोंगरे उम्र ३२ अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। पारीवारिक छोटी-छोटी लड़ाई और बेरोजगारी के चलते आज सुबह लगभग ११ बजे फांसी लगाने का प्रयास कर रहा था, तब उसकी पत्नी मीरा बाई ने पुलिस थाने पहुंचकर अपने पति को बचाने की गुहार लगाई, तब पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर घर का दरबाजा तोड़कर उस युवक को बचाया। इस मानवीयता भरे कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका थाना प्रभारी रमेश नागले, एएसआई संजय ठाकुर, प्रधार आरक्षक तुषार धनगर, आ. संजय ठाकुर, सैनिक चंद्रकिशोर थे।
ऐसे बनी पुलिस भगवान
सुबह लगभग 11 बजे का समय था, सिटी कोतवाली में थाना प्रभारी रमेश नागले, एएसआई संजय ठाकुर अपने पुराने केसों की फाईल देख रहे थे, तभी एक 25-30 वर्षीय महिला पैरो में चप्पल नहीं, बदहवास पैदल दौड़ते हुए थाने में आई। बोली साहब मेरे पति को बचा लो, वह फांसी लगा रहा है। पुलिस वालों ने भी उसकी स्थिति देखकर कोई पूछताछ नहीं की, तत्काल मोटर सायकल उठाई और महिला को बैठाकर उसके घर रवाना हो गए। बस स्टैंड के पास उस महिला के घर पहुंचकर खिड़की से झांककर देखा तो एक व्यक्ति गले में फंदा डालकर कूलर पर चढ़ा हुआ था, बस लटकने ही वाला था। तभी पुलिस ने पहुंचकर उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं था। तब पुलिस वालों ने दरबाजे को तोड़ना शुरु किया। दरबाजा भी ऐसा मजबूत था कि टूटने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही थी, जब उस युवक ने देखा कि यह लोग दरबाजा तोड़कर मुझे बचा लेंगे, तो वह फंदे पर लटक ही गया। लेकिन तभी पुलिस ने दरबाजा तोड़ दिया और लटके हुए व्यक्ति को किसी तरह बचा लिया। थोड़े से नशे में इस कृत्य को करने वाले युवक को पुलिस ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में जब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और अपने छोटे-छोटे बच्चों को अनाथ करने का पाप करते हुए अब पछतावा हो रहा है। अब यही युवक पुलिस को भगवान बता रहा है और कह रहा है कि आज इन्हीं के कारण मैं जिंदा बच पाया हूं।
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