सडक़ सहित खेतों में दिखी ओलो की सफेद परत
भैरूंदा। मंगलवार शाम 4 बजे के बाद अचानक ही क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में ओलों की बरसात के चलते फसलों में भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान सडक़ सहित खेतों में सफेद चादर देखने को मिली। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लगभग 8 से 10 मिनट तक ओले गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। जिसके कारण किसानों के चेहरों पर चिंता देखने को मिली। ओलों की बरसात के बाद लगभग 1 घंटे तक तेज बरसात का सिलसिला भी चलता रहा। जिससे खेतों में कटकर पड़ी मूंग की फसल भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई। देर शाम को ओलो की बरसात होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नही पहुंच सके। संभवत: आज राजस्व विभाग का अमला खेतों में जाकर फसलों का जायजा लेगा। मंगलवार देर शाम को 4 बजे के लगभग अचानक ही बादलों का डेरा आसमान पर छाया और तेज बरसात के साथ ही ओले गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। क्षेत्र के गांव महागांव, सेमलपानी, निम्नागांव, खरसानिया सहित आधा दर्जन से अधिक ग्रामों में भारी मात्रा में ओलों की बरसात हुई। स्थिति यह थी कि ग्रामीणों के द्वारा अपने घरों में मौजूद प्लास्टिक एवं स्टील के बड़े-बड़े बर्तनों को ओलो से भर लिया। तेज बरसात के चलते ग्रामीण घर से बाहर नही निकल सके। इस दौरान सडक़ व खेतों में बर्फ की सफेद चादर देखने को मिली। मौसम के इस कहर से क्षेत्र में मूंग की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना जाहिर की गई है। हालांकि राजस्व विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई जानकारी नही दी है लेकिन जिस हिसाब से ओलो की बरसात हुई निश्चित ही वह किसानों पर कुदरत का बड़ा कहर है।
अचानक बादल आए और होने लगी ओलो की बरसात
सेमलपानी, महागांव, खरसानिया, निम्नागांव के किसानों ने बताया कि क्षेत्र में मूंग फसल कटाई का सिलसिला चल रहा है। सुबह से आसमान साफ था और चटक धूप निकल रही थी। अचानक ही शाम 4 बजे मौसम परिवर्तन हुआ। जिसके चलते किसानों ने अपनी कटी हुई फसलों को बचाने का प्रयास किया लेकिन तेज बरसात के साथ ओले गिरने से किसानों का यह प्रयास सफल नही हो सका। प्रत्यक्षदर्शी किसानों ने बताया कि लगभग 8 से 10 मिनट तक लगातार तेजी के साथ ओले गिरे। ओलों की रफ्तार को देखकर ऐसा लगा कि आज कुदरत का कहर क्षेत्र पर पूरी तरह बरपेगा। हालांकि जैसे-तैसे ओले गिरने का सिलसिला बंद हुआ लेकिन तेज बरसात का दौर लगातार जारी रहा। किसानों के मुताबिक उनकी फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
घरों की आंगन से एकत्रित कर ओलो से भर लिए बर्तन
ओलो की बरसात इतनी तेज गति से हुई कि मात्र 10 मिनट में ही ग्रामीणों ने अपने घरों की आंगन में गिरे ओलो को एकत्रित कर बड़े-बड़े प्लास्टिक एवं स्टील के बर्तनों को भर कर रख लिए। चने से लेकर बोर के साइज तक के ओले गिरते हुए देखे गए। बुजुर्गो के मुताबिक कुदरत का कहर थोड़े पर ही आकर रूक गया। यदि लंबे समय तक यह सिलसिला जारी रहता तो निश्चित ही भारी नुकसान होने की संभावना थी।
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